IAS, IPS बनना है तो मजहब के लिए खड़ा होना होगा, उन्हें जवाब देना होगा: भगोड़ा जाकिर नाइक

कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक (फाइल फोटो)

कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह समुदाय विशेष के लोगों से IAS/IPS अधिकारी बनने से परहेज करने के लिए कह रहा है। भगोड़ा जाकिर नाइक फिलहाल मलेशिया में रह रहा है। 

अपने समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में ब्यूरोक्रेट बन सकता है, जाकिर नाइक ने जवाब दिया, “यदि तुम दीन (मजहब) का पालन कर सकते हो तो स्वीकार्य है, अन्यथा नहीं।” 

इसके बाद समुदाय विशेष के एक अन्य शख्स ने पूछा कि क्या उनके लिए IAS बनना संभव है? इस्लामिक उपदेशक ने इसका जवाब देते हुए कहा, “यह असंभव नहीं है लेकिन मुश्किल है।” इस धारणा के तहत कि एक समुदाय विशेष का IAS अधिकारी निश्चित रूप से अपने सहकर्मियों से भयभीत होगा, नाइक ने कहा, “जब वे आप पर, इस्लाम पर या पैगंबर पर हमला करते हैं, तो क्या आप उन्हें वापस जवाब दे सकते हैं? क्या आपके पास जवाब देने की हिम्मत है? यदि आप डरपोक और शर्मीले हैं, तो ऐसी नौकरी न करें। यदि आप उन्हें जवाब दे सकते हैं और बोल्ड हैं, तो इसके साथ आगे बढ़ें।”

बाद में वीडियो में उसने जोर दिया, “यदि आप एक मजबूत व्यक्ति हैं जो गैर-इस्लामिक लोगों की आलोचना का सामना कर सकते हैं, रिश्वत से दूर रह सकते हैं, सुन्नत और कुरान का पालन कर सकते हैं, तो ही इस नौकरी को करें।” इस दौरान जाकिर नाइक ने इस्लाम से ‘विचलित’ हुए अपने समुदाय के अधिकारियों के उदाहरणों का हवाला देकर समुदाय विशेष के आईएएस उम्मीदवारों को चेतावनी भी दी।

अपने समुदाय के लोगों के लिए उसकी सलाह इस विश्वास पर आधारित है कि IAS या IPS अधिकारी की प्रतिष्ठित नौकरी हासिल करने के पीछे का ‘उद्देश्य’ सहकर्मियों को जवाब देना, इस्लाम की रक्षा करना और अल्लाह एवं कुरान की शिक्षाओं का पालन करना है।

जाकिर नाइक बार-बार कहता है कि ‘वे’ कुरान और पैगंबर को बदनाम करेंगे। इसके साथ ही वह दावा करता है कि समुदाय विशेष के जिन लोगों को इन नौकरियों में चुना गया है, उन्हें ‘उनसे’ अपने मजहब का बचाव करना होगा।

जाकिर नाइक का वीडियो

इसी वीडियो में, नफरत फैलाने वाले जाकिर नाइक ने आईपीएस अधिकारियों के बारे में भी बयान दिए। नाइक ने दावा किया, “सभी नहीं, लेकिन अधिकांश IPS अधिकारी निश्चित रूप से भ्रष्ट हैं… अगर कोई ईमानदार अधिकारी वहाँ जाता है, तो वह या तो भ्रष्ट हो जाता है या उसे नौकरी छोड़नी पड़ती है… सेटअप ऐसा है कि अगर आप उनसे सहमत नहीं हैं, तब, वे आपके लिए जीवन को कठिन बना देंगे।”

कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के लिए इस तरह के दावे करना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले, उसने कहा था कि “समुदाय विशेष का पक्ष लेने” और “दमनकारियों के बदसूरत चेहरे को दिखाने” के उनके नेक प्रयासों के बावजूद, NDTV के स्टार पत्रकार रवीश कुमार को ‘जन्नत’ में जगह नहीं मिलेगी। गैर-इस्लामी दिल के कितने भी अच्छे क्यों न हों, उन्हें जाना नरक में ही है।

गौरतलब है कि हाल ही में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने एक हाई-प्रोफाइल ‘लव जिहाद’ मामले से संबंधित FIR में जाकिर नाइक और पाकिस्तान मूल के दो कट्टर प्रचारकों को आरोपित बनाया है। हाई-प्रोफाइल मामले में चेन्नई के एक व्यापारी की बेटी और बांग्लादेश के एक शीर्ष राजनेता का बेटा शामिल है। जिसका संबंध पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) से है।

महिला के पिता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी लंदन में पढ़ रही थी, इसी दौरान बांग्लादेशी नागरिक नफीस ने उसे लुभाना शुरू कर दिया। वो महिला को रिलेशनशिप में आने के लिए जाल बिछा रहा था। इस काम में आरोपित का पिता सरदार शेखावत हुसैन के साथ-साथ यासीर और नौमान अली खान नामक दो अन्य लोग भी शामिल थे। आरोप है कि नफीस इन सबकी मदद से पीड़िता का अपहरण कर बांग्लादेश ले गया। बांग्लादेश ले जाकर महिला से जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया