मध्य प्रदेश: 1.75 लाख परिवारों का हुआ ‘गृह प्रवेश’, PM मोदी ने बताया- 125 की जगह 45-60 दिनों में ही घर तैयार

'प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण' के कार्यक्रम को सम्बोधित करते पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (सितम्बर 12, 2020) को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण’ के तहत मध्य प्रदेश में बने 1.75 लाख घरों का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इस दौरान पीएम मोदी ने इस योजना के लाभार्थियों के साथ संवाद भी किया। राज्य के अलग-अलग लाभार्थियों से चर्चा के बाद पीएम मोदी ने कार्यक्रम को सम्बोधित भी किया और इस आवास योजना से आए बदलावों की चर्चा की।

पीएम मोदी ने कहा कि जिन लोगों को सपनों का घर मिला है, उन सभी की इस बार दिवाली और अन्य त्योहारों की खुशियाँ कुछ और ही होंगी। उन्होंने आवास योजना के लाभार्थियों से कहा कि कोरोना काल नहीं होता तो आज आपके जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने के लिए, आपके घर का एक सदस्य, आपका प्रधानसेवक आपके बीच होता। पीएम ने पौने 2 लाख परिवारों को उनके ‘गृह प्रवेश’ के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा कि आज का ये दिन करोड़ों देशवासियों के उस विश्वास को भी मज़बूत करता है कि सही नीयत से बनाई गई सरकारी योजनाएँ साकार भी होती हैं और लाभार्थियों तक पहुँचती भी हैं। उन्होंने कहा कि जिन साथियों को आज अपना घर मिला है, उनके भीतर के संतोष, उनके आत्मविश्वास को वो अनुभव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस तेज़ी में बहुत बड़ा योगदान रहा शहरों से लौटे हमारे श्रमिक साथियों का।

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पीएम मोदी ने जानकारी दी कि सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन का समय लगता है, लेकिन कोरोना के इस काल में पीएम आवास योजना के तहत घरों को सिर्फ 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा को अवसर में बदलने का ये बहुत ही उत्तम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान का पूरा लाभ उठाते हुए अपने परिवार को सँभाला और अपने गरीब भाई-बहनों के लिए घर भी तैयार करके दे दिया। पीएम मोदी ने कहा:

मुझे संतोष है कि पीएम गरीब कल्याण अभियान से मध्य प्रदेश सहित देश के अनेक राज्यों में करीब 23 हज़ार करोड़ रुपए के काम पूरे किए जा चुके हैं। पीएम गरीब कल्याण अभियान के तहत घर तो बन ही रहे हैं, हर घर जल पहुँचाने का काम हो, आँगनबाड़ी और पंचायत के भवनों का निर्माण हो, पशुओं के लिए शेड बनाना हो, तालाब और कुएँ बनाना हो, ग्रामीण सड़कों का काम हो, गाँव के विकास से जुड़े ऐसे अनेक काम तेज़ी से किए गए हैं। 2014 में पुराने अनुभवों का अध्ययन करके, पहले पुरानी योजना में सुधार किया गया और फिर प्रधानमंत्री आवास योजना के रूप में बिल्कुल नई सोच के साथ योजना लागू की गई। इसमें लाभार्थी के चयन से लेकर गृह प्रवेश तक पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई।

पीएम मोदी ने कहा कि पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही है। उन्होंने दावा किया कि अब किसी की इच्छा के अनुसार लिस्ट में नाम जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता। चयन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है। बकौल पीएम, मटीरियल से लेकर निर्माण तक, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध और उपयोग होने वाले सामानों को भी प्राथमिकता दी जा रही है।

उन्होंने जानकारी दी कि घर के डिजाइन भी स्थानीय ज़रूरतों के मुताबिक तैयार और स्वीकार किए जा रहे हैं। साथ पूरी पारदर्शिता के साथ हर चरण की पूरी मॉनीटरिंग के साथ लाभार्थी खुद अपना घर बनाता है। पीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना हो या स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालय हों, इनसे गरीब को सुविधा तो मिल ही रही है, बल्कि ये रोज़गार और सशक्तिकरण का भी बड़ा माध्यम हैं।

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उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर हमारी ग्रामीण बहनों के जीवन को बदलने में भी ये योजनाएँ अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने इसी साल 15 अगस्त को दिए अपने सम्बोधन को याद करते हुए कहा कि 1 हज़ार दिनों में देश के करीब 6 लाख गाँवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा किया जाएगा। पहले देश की ढाई लाख पंचायतों तक फाइबर पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया था, अब इसको गाँव-गाँव तक पहुँचाने का संकल्प लिया गया है।

प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि जब गाँव में भी जगह-जगह बेहतर और तेज़ इंटरनेट आएगा, जगह-जगह WiFI हॉटस्पॉट बनेंगे, तो गाँव के बच्चों को पढ़ाई और युवाओं को कमाई के बेहतर अवसर मिलेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि गाँव अब सिर्फ WiFi के ही हॉटस्पॉट से नहीं जुड़ेंगे, बल्कि आधुनिक गतिविधियों के, व्यापार-कारोबार के भी हॉटस्पॉट बनेंगे। इस दौरान मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी वीडियो के जरिए कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे मध्य प्रदेश के विभिन्न इलाक़ों के रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) के साथ ‘स्वनिधि संवाद’ में हिस्सा लिया था। सिर्फ 2 महीने में मध्य प्रदेश में 1 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स, रेहड़ी-पटरी वालों को स्वनिधि योजना का लाभ सुनिश्चित हुआ है। इस योजना का मकसद है कि वो लोग नई शुरुआत कर सकें, अपना काम फिर शुरू कर सकें, इसके लिए उन्हें आसानी से पूँजी मिले।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया