क्या ध्वस्त किए जाएँगे जोशीमठ के 723 असुरक्षित घर? – जानिए CM धामी ने क्या बताया, हर परिवार को ₹1.5 लाख का मुआवजा, विस्थापितों के लिए ‘मॉडल टाउन’ का प्रस्ताव

क्या जोशीमठ के सारे घर तोड़े जाएँगे? - जानिए CM धामी ने क्या बताया (फोटो सभार: लाइव हिंदुस्तान)

जोशीमठ के जिन 723 घरों में दरारें आई हैं, उनमें निवासियों को फ़िलहाल 1.5 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा उत्तराखंड सरकार ने की है। बताते चलें कि ये रकम तत्काल मदद के रूप में दी जा रही है – एक लाख रुपया एडवांस मुआवजा और 50,000 रुपए शिफ्ट होने के लिए। आगे इन्हें और मुआवजा दिया जाएगा और इसके लिए अंतिम आँकड़े बाद में निर्धारित किए जाएँगे। सर्वे में अभी एक सप्ताह का समय लगना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय द्वारा ये जानकारी भी दी गई है कि इलाके के सभी घर नहीं तोड़े जाएँगे, बल्कि सिर्फ 2 होटलों को ही गिराया जाना है। होटल मालिकों से बातचीत करने के बाद उन्हें प्रशासन के सहयोग के लिए तैयार कर लिया गया है। जोशीमठ के ऊपरी इलाकों में फ़िलहाल बारिश भी हो रही है और बद्रीनाथ में बर्फबारी चालू है। कई होटल मालिक धरने पर बह बैठे हैं, जो आरोप लगा रहे कि सरकार ने उन्हें छोड़ दिया है।

प्रशासन ने फ़िलहाल जोशीमठ में दो होटलों को छोड़ कर बाक़ी जगह बुलडजोर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जोशीमठ के पीड़ितों को कहीं और बसाने के लिए एक ‘आपदा-प्रतिरोधी मॉडल शहर’ का प्रस्ताव भी ‘केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) ने दिया है, ताकि विस्थापितों को सुविधाएँ मिल सकें। IIT रुड़की ने सुझाव दिया है कि झुकी हुई इमारतों को गिराने के अलावा 4000 अन्य घरों का आकलन किया जाए और विस्थापितों को तब तक आश्रय उपलब्ध कराया जाए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम धामी से बातचीत कर के हालात की जानकरी ली है। CMO ने ये जानकारी भी दी है कि 7 जनवरी के बाद से जोशीमठ में कोई नया दरार नहीं आया है। 723 इमारतों पर फ़िलहाल स्मारक कर के उन्हें रहने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। जिन 2 होटलों को गिराया जाना है, उनके नाम ‘Malari Inn’ और ‘माउंट व्यू’ हैं। सीएम धामी ने पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया