Tuesday, July 15, 2025
Homeदेश-समाजक्या ध्वस्त किए जाएँगे जोशीमठ के 723 असुरक्षित घर? - जानिए CM धामी ने...

क्या ध्वस्त किए जाएँगे जोशीमठ के 723 असुरक्षित घर? – जानिए CM धामी ने क्या बताया, हर परिवार को ₹1.5 लाख का मुआवजा, विस्थापितों के लिए ‘मॉडल टाउन’ का प्रस्ताव

प्रशासन ने फ़िलहाल जोशीमठ में दो होटलों को छोड़ कर बाक़ी जगह बुलडजोर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जोशीमठ के पीड़ितों को कहीं और बसाने के लिए...

जोशीमठ के जिन 723 घरों में दरारें आई हैं, उनमें निवासियों को फ़िलहाल 1.5 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा उत्तराखंड सरकार ने की है। बताते चलें कि ये रकम तत्काल मदद के रूप में दी जा रही है – एक लाख रुपया एडवांस मुआवजा और 50,000 रुपए शिफ्ट होने के लिए। आगे इन्हें और मुआवजा दिया जाएगा और इसके लिए अंतिम आँकड़े बाद में निर्धारित किए जाएँगे। सर्वे में अभी एक सप्ताह का समय लगना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय द्वारा ये जानकारी भी दी गई है कि इलाके के सभी घर नहीं तोड़े जाएँगे, बल्कि सिर्फ 2 होटलों को ही गिराया जाना है। होटल मालिकों से बातचीत करने के बाद उन्हें प्रशासन के सहयोग के लिए तैयार कर लिया गया है। जोशीमठ के ऊपरी इलाकों में फ़िलहाल बारिश भी हो रही है और बद्रीनाथ में बर्फबारी चालू है। कई होटल मालिक धरने पर बह बैठे हैं, जो आरोप लगा रहे कि सरकार ने उन्हें छोड़ दिया है।

प्रशासन ने फ़िलहाल जोशीमठ में दो होटलों को छोड़ कर बाक़ी जगह बुलडजोर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। जोशीमठ के पीड़ितों को कहीं और बसाने के लिए एक ‘आपदा-प्रतिरोधी मॉडल शहर’ का प्रस्ताव भी ‘केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) ने दिया है, ताकि विस्थापितों को सुविधाएँ मिल सकें। IIT रुड़की ने सुझाव दिया है कि झुकी हुई इमारतों को गिराने के अलावा 4000 अन्य घरों का आकलन किया जाए और विस्थापितों को तब तक आश्रय उपलब्ध कराया जाए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम धामी से बातचीत कर के हालात की जानकरी ली है। CMO ने ये जानकारी भी दी है कि 7 जनवरी के बाद से जोशीमठ में कोई नया दरार नहीं आया है। 723 इमारतों पर फ़िलहाल स्मारक कर के उन्हें रहने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। जिन 2 होटलों को गिराया जाना है, उनके नाम ‘Malari Inn’ और ‘माउंट व्यू’ हैं। सीएम धामी ने पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पहले ‘पायलट की गलती’ वाली खबर चलाई, फिर फ्यूल कंट्रोल स्विच पर किया गुमराह: क्या एअर इंडिया हादसे में विदेशी मीडिया ने पहले ही...

लगता है कि सारा दोष पायलटों पर मढ़ के बोइंग की साख को बचाने के लिए किया जा रहा है। पायलटों को बलि का बकरा बनाना बोइंग की पुरानी आदत रही है।

भारत-नेपाल सीमा पर इस्लामी कट्टरपंथियों का डेरा, मस्जिद-मजार जिहाद के लिए दक्षिण भारत से आ रहा मोटा पैसा: डेमोग्राफी भी बदली, ₹150 करोड़ फंडिंग...

भारत-नेपाल सीमा पर डेमोग्राफी बदलने का बड़ा खेल उजागर हुआ है। यहाँ आयकर विभाग को 150 करोड़ की फंडिंग के सबूत मिले हैं।
- विज्ञापन -