Tuesday, July 2, 2024
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केजरीवाल के बंगले में 15 बाथरूम, बिजली का खर्च ₹2.60 करोड़, किचन में लगे ₹1.10 करोड़: 5 बार निकाला ₹10 Cr से कम का टेंडर, ताकि न पड़े किसी की नजर

चैनल के मुताबिक, सीएम केजरीवाल के आवास में बिजली के विभिन्न सामान पर 2.58 करोड़ रुपए, किचन एवं अप्लायंस पर 1.10 करोड़ रुपए, इंटीरियर डेकोरेशन (वुडेन फ्लोर, वुडन डोर और यूपीवीसी डोर पर) पर 11.30 करोड़ रुपए, हॉट वॉटर जनरेटर पर 25 लाख रुपए और सुपीरियर कंसल्टेंसी (सिर्फ बताने के लिए) के लिए एक करोड़ रुपए खर्च किए गए।

खुद को आम आदमी कहने वाले और कभी गाड़ी-बँगला नहीं लेने की बात कहने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बँगले को लेकर लगातार खुलासे हो रहे हैं। नए खुलासे में पता चला है कि सीएम केजरीवाल के मुख्यमंत्री आवास में एक-दो नहीं, बल्कि 15 बाथरूम हैं और हर बाथरूम को सजाने-सँवारने में एक-एक लाख रुपए खर्च किए गए हैं।

न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ नवभारत की ‘शीशमहल’ के नाम से किए गए ऑपरेशन में इसका खुलासा किया है। यह ऑपरेशन का 2 पार्ट है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास में 10 लाख से अधिक रकम सिर्फ सैनिट्री फिटिंग पर खर्च की गई।

चैनल के मुताबिक, सीएम केजरीवाल के आवास में बिजली के विभिन्न सामान पर 2.58 करोड़ रुपए, किचन एवं अप्लायंस पर 1.10 करोड़ रुपए, इंटीरियर डेकोरेशन (वुडेन फ्लोर, वुडन डोर और यूपीवीसी डोर पर) पर 11.30 करोड़ रुपए, हॉट वॉटर जनरेटर पर 25 लाख रुपए और सुपीरियर कंसल्टेंसी (सिर्फ बताने के लिए) के लिए एक करोड़ रुपए खर्च किए गए।

चैनल के मुताबिक, सीएम के सरकारी आवास के रेनोवेशन के लिए जो 45 करोड़ रुपए का खर्च किए गए, वे पैसे पाँच हिस्सों में आवंटित की गई थी। रेनोवेशन के लिए किसी तरह का टेंडर भी नहीं निकाला गया था। नियम के मुताबिक, सरकारी काम के लिए अगर 10 करोड़ रुपए से अधिक की रकम की जरूरत होती है, उससे जुड़ी फाइल वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाती हैं।

इसके लिए बकायदा सार्वजनिक टेंडर निकाला जाता है। टेंडर में काम को पूरा करने के लिए जो सबसे कम बोली लगाता है, उसे टेंडर मिलता है। हालाँकि, 10 करोड़ रुपए से कम राशि की जरूरत है तो उसके लिए टेंडर निकालने की जरूरत नहीं होती है। सीएम केजरीवाल के घर को सँवारने के लिए 10 करोड़ रुपए से कम रकम पाँच बार आवंटित की गई। इसलिए फाइल को अधिकारियों को भेजने की जरूरत नहीं पड़ी। ऐसे में भ्रष्टाचार की भी गुंजाइश है।

टाइम्स नाऊ नवभारत के अनुसार, पहली बार 7.92 करोड़ रुपए, दूसरी बार 1.64 करोड़ रुपए, तीसरी बार 9 करोड़ रुपए, चौथी बार 8.17 करोड़ रुपए और पाँचवीं बार 9.34 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। चूँकि, हर बार रकम 10 करोड़ रुपए से कम है, इसलिए टेंडर निकालने की जरूरत नहीं पड़ी।

अपने ऑपरेशन के पहले पार्ट में टाइम्स नाऊ नवभारत ने खुलासा किया था कि AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कोरोना काल के दौरान राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपने सरकारी बँगले के सौंदर्यीकरण पर 44.78 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। यानी, बने-बनाए बँगले को चमकाने और उसे सुंदर बनाने के लिए इतने रुपए फूँक दिए गए।

मंगलवार (25 अप्रैल, 2023) की शाम को प्रसारित किए गए शो में ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ ने जानकारी दी कि CM आवास में 8-8 लाख रुपए के पर्दे लगाए गए। केवल पर्दों पर ही 1 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें से कुछ अभी लगने बाकी हैं और कुछ लगाए दिए गए हैं।

शुरुआत में 8 पर्दे लगाए गए, जिनकी कीमत 45 लाख रुपए थी। दूसरे चरण में 15 पर्दों का ऑर्डर दिया गया, जो 51 लाख रुपए के थे। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री आवास में लगाने के लिए वियतनाम से मार्बल मँगाया गया। इसे ‘डियोर पर्ल मार्बल’ बोला जाता है, जो सुपीरियर क्वालिटी का होता है। इसकी कीमत 15 लाख रुपए होती है। साथ ही इसे लगाने के लिए भी अलग तरीके से फिटिंग की जाती है।

AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल आंदोलन से निकले नेता हैं और कोई फकीर नहीं है। उन्होंने कहा कि वो बँगला 1942 का बना है, वहाँ छत से पानी टपकती थी और बुजुर्गों को परेशानी होती थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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