AAP विधायक अमानतुल्लाह नहीं हुए गिरफ्तार, आतिशी-संजय सिंह ने मचाया था हल्ला: आधी रात को एजेंसी ने पूछताछ के बाद छोड़ा

अमानतुल्लाह खान (चित्र साभार: Tribune India)

आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार नहीं किया है। उनसे केवल पूछताछ की गई है। गुरुवार (18 अप्रैल, 2024) रात को उनकी गिरफ्तारी की खबर आई थी, इसको लेकर AAP नेताओं ने खूब शोर शराबा किया था। AAP विधायक अमानतुल्लाह खान पूछताछ के बाद एजेंसी द्वारा छोड़ दिए गए।

अमानतुल्लाह दिल्ली स्थित ED के दफ्तर से रात्रि 1 बजे निकले। वह पूछताछ के लिए सुबह 11 बजे पहुँचे थे। इसके बाद रात में उनकी गिरफ्तारी की खबर भी आई। अमानतुल्लाह के एक्स (पहले ट्विटर) पर भी यह दावा किया गया था कि उन्हें एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया है। हालाँकि, यह दावा फर्जी निकला और वह देर रात घर पहुँच गए।

अमानतुल्लाह खान ने ED दफ्तर से निकलने के बाद मीडिया से बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूछताछ में शामिल होने पहुँचे थे। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने उनसे जितने प्रश्न पूछे उन्होंने उन सभी के उत्तर दे दिए हैं, अपना बयान दर्ज करवा दिया है। उनसे लगभग 12-13 घंटे तक पूछताछ की गई। ED ने अगली बार उनसे कुछ दस्तावेज साथ लाने को कहा है।

अमानतुल्लाह के एजेंसी के दफ्तर से निकलने से पहले दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है। संजय सिंह ने इसे ऑपरेशन लोटस करार दे दिया था। वहीं आतिशी ने इसे भाजपा की साजिश बताया था। हालाँकि, गिरफ्तारी के दावे झूठे निकले और वह रात को घर लौट गए।

इससे पहले अमानतुल्लाह खान ED से बचते आए थे। वह ED के समन पर पेश नहीं हो रहे थे। उन्होंने इससे बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी सहारा लिया था। हालाँकि, उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी और उनके वकील ने कोर्ट को यह विश्वास दिलाया था कि वह 18 अप्रैल, 2024 को ED के सामने पेश होंगे।

अमानतुल्लाह खान से यह पूछताछ दिल्ली वक्फ बोर्ड घोटाला मामले में हुई है। ED ने आरोप लगाया है कि अमानतुल्लाह खान ने वक्फ बोर्ड में पैसों के बदले अवैध तरीके से कर्मचारियों की भर्तियाँ कर ‘अपराध के जरिए बड़ी रकम’ प्राप्त की और अपने सहयोगियों के नाम से प्रॉपर्टी में निवेश किया। वक्फ बोर्ड घोटाले के मामले में ED ने अमानतुल्लाह खान को नवंबर 2023 में गिरफ्तार भी किया था।

गौरतलब है कि ED ने साल 2016 में ही इस केस की जाँच शुरू की थी, जिसमें दिल्ली वक्फ बोर्ड में अवैध तरीके से लोगों को नौकरियाँ दी गई और बदले में उनके पैसे लिए गए।इससे दिल्ली सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ, लेकिन अमानतुल्लाह को पर्सनल फायदा पहुँचा। अमानतुल्लाह खान पर वक्फ की संपत्तियों को अवैध तरीके से पट्टे पर देने के भी आरोप हैं, जिसके बदले खान को पैसे मिले।

ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया था। जिसमें अमानतुल्लाह खान पर अपने सहयोगियों के माध्यम से प्रॉपर्टी खरीदने का मामला दर्ज हुआ। इस मामले में अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली की अदालत में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, जो खारिज हो गई। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 11 मार्च को उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया