बात-बात पर संविधान की मर्यादा का राग अलापने वाले AIMIM के प्रमुख हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी (Akbaruddin Owaisi) आज तक राजनीतिक मर्यादा नहीं सिख पाए हैं। इसकी झलक एक जनसभा में देखने को मिली, जब उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) को कुत्ते की उपमा दे डाली। अकबरुद्दीन अपने जहरीले बयानों के लिए कुख्यात रहे हैं।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad, Maharashtra) में आयोजित एक जनसभा एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुत्तों का काम भौंकना है उन्हें भौंकने दो, शेर का काम है शांत रहना है। राज ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, “मैं यहाँ किसी को जवाब देने या बुरा कहने नहीं आया हूँ। तुम्हारी औकात नहीं है कि मैं तुम्हें जवाब दूँ।” इस दौरान उन्होंने ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाह-हू-अकबर’ के भड़काऊ नारे जमकर लगाए और सभा में उपस्थित लोगों से भी लगवाए।
सभा की मंच से अकबरुद्दीन ने कहा, “मैं नौजवानों से कहूँगा, जो हो रहा है होने दो। जो भी छोड़ो… मैं तो कहूँगा कि जो भी कुत्ता जैसा भी भौंकता है, भौंकने दो। जो भी ब्रीड का… जैसा भी… भौंकता है, भौंकने दो। कुत्तों का काम भौंकना है। शेरों का काम खामोश रहना है। बस भौंकने दो। जरूरत नहीं है बोलने की। वक्त और हालात की नजाकत को समझो। उनके जाल में फँसना नहीं है। वो जाल बुन रहे हैं। तुमको फँसाना चाहते हैं। तुम फँसना नहीं। खामोश रहो… मुस्कुराओ और चले जाओ।”
उन्होंने लोगों से पूछा, “क्या डर गए हो… क्या परेशान हो…?” इसके बाद भीड़ ने ‘नहीं’ का शोर किया। उन्होंने मुस्लिमों को उकसाते हुए कहा कि देश में अजान, हिजाब और मॉब लिंचिंग को लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन मुस्लिमों को इससे डरना नहीं है। मुस्लिमों को इकट्ठा होने की जरूरत है। इसके बाद मंच अकबरुद्दीन ने अल्लाह-हू-अकबर का नारा दिया और लोगों से और जोर लगाकर बोलने के लिए कहा।
बता दें कि अबरुद्दीन ओवैसी अपनी बातों और हरकतों से हिंदुओं को उकसाने के लिए जाने जाते हैं। 12 मई को औरंगाबाद में एक स्कूल के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान उन्होंने मुगल आक्रांता और हिंदुओं के नरसंहारक औरंगजेब की कब्र का दौरा भी किया था और उस पर फूल चढ़ाए थे।
शिवसेना ने शुक्रवार (13 मई 2022) को अकबरुद्दीन ओवैसी के खुल्दाबाद में औरंगजेब के मकबरे पर फूल चढ़ाने की आलोचना की थी और कहा था कि वे इस यात्रा के जरिए राज्य का माहौल खराब करना चाह रहे हैं। 17वीं सदी के मुगल बादशाह के अनुयायियों का भी वही हश्र होगा, जो उसके साथ हुआ था।
बता दें कि राज ठाकरे लाउडस्पीकर लगाकर मस्जिदों से अजान देने के खिलाफ हैं। उन्होंने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटाने की माँग की थी और कहा था कि जब तक इन लाउडस्पीकरों को नहीं हटाया जाता है, तब तक लाउडस्पीकरों से हनुमान चालीसा का पाठ होगा। राज ठाकरे ने कहा था कि जहाँ पर अजान होगी, वहीं पर हनुमान चालीसा पढ़ा जाएगा।
पहले भी भड़काऊ बयान दे चुके हैं अकबरुद्दीन औवैसी
देश में CAA प्रदर्शन के दौरान भी अकबरुद्दीन ने भड़काऊ बयान दिया था, जिस पर हंगामा हो गया था। उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों ने भारत पर 700 सालों तक राज किया है, नागरिकता के लिए इससे बड़ा और क्या सबूत हो सकता है। उन्होंने कहा था, “हमारे पूर्वजों ने इस मुल्क को चारमीनार दिया, मक्का मस्जिद दिया, जामा मस्जिद दिया, कुतुब मीनार दिया। हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री जिस लाल किले पर झंडे फहराता है, उसे हमारे पूर्वजों ने दिया। अगर कोई मुस्लिमों से कागज माँगता है तो देख लो हमारे बाप-दादाओं के इन सबूतों को।”
इसके पहले देश के हिंदुओं को खुलेआम धमकी देते हुए अकबरुद्दीन ने कहा कहा था, “इस मुल्क में मुस्लिम 25 करोड़ हैं और तुम लोग (हिंदू) 100 करोड़। सिर्फ 15 मिनट के लिए पुलिस हटा कर देख लो, किस में कितना दम है। समझ में आ जाएगा।”