भतीजे से NCP की जंग हारे शरद पवार: EC ने अजित के गुट को ही माना ‘असली’, पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा माना

अजित पवार ने शरद पवार के सामने मारी बाजी (फोटो साभार : इंडिया टीवी)

महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। ‘असली’ शिवसेना के बाद अब ‘असली’ राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) भी एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन गई। चुनाव आयोग ने NCP को लेकर चल रही लड़ाई पर विराम लगा दिया है। आयोग ने अजित पवार की अगुवाई वाले एनसीपी के धड़े को ही असली माना है। एनसीपी का चुनाव निशान घड़ी अब अजित पवार वाला गुट इस्तेमाल करेगा।

चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को कुछ समय दिया है कि वो अपने नए नाम के चुनाव के लिए तीन नाम दें, ताकि अगले राज्यसभा चुनाव में उसका इस्तेमाल किया जा सके। हालाँकि, इसके लिए 7 फरवरी 2024 के दोपहर तीन बजे तक का ही समय है। इस तरह 7 माह से चल रहा विवाद खत्म हो गया है। 10 से ज्यादा सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुनाया। इस दौरान दोनों पक्षों ने दलीलें दीं।

अजित पवार ने जताई खुली

चुनाव आयोग के फैसले के बाद एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार ने खुशी जताई है। अजित पवार के हवाले से एनसीपी के एक्स हैंडल पर लिखा गया, “हमारे वकीलों द्वारा प्रस्तुत पक्ष को सुनने के बाद चुनाव आयोग द्वारा दिए गए निर्णय को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं!”

शरद पवार फीनिक्स पक्षी की तरह, राख से फिर खड़े होंगे : आव्हाड

अजित पवार को NCP का नाम और चुनाव चिह्न मिलने पर शरद पवार गुट के नेता जीतेंद्र आव्हाड का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “वो (अजित पवार) जाने वाला था, ये हमें पहले से ही पता था… इन्होंने शरद पवार का राजनीतिक गला घोंट दिया.. शरद पवार फीनिक्स हैं। वह राख से फिर उठ खड़े होंगे। हमारे पास अभी भी शक्ति है, क्योंकि हमारे पास शरद पवार हैं… हम सुप्रीम कोर्ट जाएँगे।”

अजित पवार की NCP ने मनाया जश्न

अजित पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष (महाराष्ट्र) सुनील तटकरे ने कहा, “हमें खुशी है कि फैसला हमारे पक्ष में आया है। हमारे फैसले को आज चुनाव आयोग ने कानूनी रूप से मान्य कर दिया है।”

बता दें कि 2 जुलाई 2023 को अजित पवार 40 विधायकों के साथ बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) की अगुवाई वाली सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ-साथ छगन भुजबल और प्रफुल्ल पटेल जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता भी सरकार में शामिल हुए थे। इस बगावत के समय प्रफुल्ल पटेल तो एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे।

यही नहीं, धनंजय मुंडे और दिलीप वालसे पाटिल जैसे शरद पवार के करीबी नेता भी भतीजे अजित के साथ गए थे। इसके बाद 5 जुलाई 2023 को अजित पवार ने एनसीपी पर दावा ठोक दिया। अजित पवार के गुट ने 31 विधायकों और पाँच विधान पार्षदों के समर्थन का दावा किया था, जो बाद में बढ़ते चले गए। बताते चलें कि यही हाल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ भी हुआ था।

इस पूरे मामले में चुनाव आयोग ने 10 सुनवाई की और अब जाकर फैसला दिया है। आयोग के फैसले के बाद अजित पवार का गुट ही असली एनसीपी हो गया है। चुनाव आयोग का फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को 15 फरवरी तक एनसीपी विधायकों की सदन की सदस्यता पर अयोग्यता को लेकर अपना फैसला सुनाना है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया