राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने मंगलवार (अक्टूबर 6, 2020) को वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, अभिनेत्री स्वरा भास्कर और भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को सोशल मीडिया पर हाथरस पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए तीन अलग-अलग नोटिस भेजे। नोटिस में तीनों से स्पष्टीकरण माँगा गया है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे सोशल मीडिया पर संबंधित पोस्ट को हटा दें। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन करते हैं।
https://twitter.com/ANI/status/1313390637060825089?ref_src=twsrc%5Etfwट्विटर ट्रोल स्वरा भास्कर ने कल (अक्टूबर 5, 2020) दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित किए गए विरोध प्रदर्शन की तस्वीर को शेयर करते हुए एक ट्वीट किया था, जिसमें हाथरस पीड़ित की तस्वीर वाला एक बैनर दिखाई दे रहा था। हालाँकि, बाद में स्वरा भास्कर ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया।
इसी तरह, वरिष्ठ कॉन्ग्रेस दिग्विजय सिंह ने भी उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पर निशाना साधने के लिए हाथरस की पीड़िता की तस्वीर वाला ट्वीट किया था। हालाँकि, उन्होंने भी बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। खास बात यह है कि अनुभवी कॉन्ग्रेस नेता ने जो फोटो शेयर की थी, उसमें मामले के बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही थी। इसमें दावा किया गया था कि पीड़िता की जीभ काट दी गई थी। इस दावे को पुलिस पहले ही खारिज कर चुकी है।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कुछ दिन पहले हाथरस पीड़िता का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया था जिसमें कथित तौर पर हमला करने के बाद उसे जमीन पर लेटा देखा जा सकता था। वीडियो में, पीड़िता घटना के बारे में बता रही थी। वीडियो में उसका चेहरा धुँधला नहीं था। एनसीडब्ल्यू ने तीनों मामलों का संज्ञान लिया है और इन तीनों से स्पष्टीकरण माँगा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कल कहा था कि जब हाथरस मामले में बलात्कार पर चीजें स्पष्ट हो जाएँगी, तब NCW इस मामले में पीड़िता की पहचान जाहिर करने वाले सभी लोगों को नोटिस देगा। उन्होंने कहा कि जिन भी लोगों ने सोशल मीडिया में या फिर विरोध प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश के हाथरस की पीड़िता की तस्वीरों का इस्तेमाल किया है, उन सभी के डिटेल्स उनके पास हैं।
बता दें कि कई लिबरल वामपंथी इस बात से नाराज़ हैं कि अभिनेत्री कंगना रनौत के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ महिला आयोग ने संज्ञान क्यों लिया। साथ ही हाथरस मामले में महिला आयोग द्वारा सक्रियता दिखाए जाने के बावजूद ये अध्यक्ष रेखा शर्मा को घेर रहे हैं, जबकि खुद पीड़िता की पहचान जाहिर कर रहे। ऐसे ही कठुआ की मासूम पीड़िता की पहचान भी जाहिर कर दी गई थी।