मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने अमरोहा से अपने सांसद दानिश अली को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बताया जा रहा है कि कॉन्ग्रेस के साथ बढ़ती दानिश अली की करीबियों से बसपा नाराज हो गई और उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया। दानिश साल 2019 में बसपा में शामिल हुए थे जिसके बाद उन्होंने अमरोहा से चुनाव लड़ा और कॉन्ग्रेस के सचिन चौधरी और बीजेपी के कंवर सिंह को हराकर सांसद बने।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी ने सांसद दानिश अली को पार्टी से निकालने की जानकारी देते हुए उन्हें पत्र में कहा-
“आपको (दानिश अली) अनेकों बार मौखिक रूप से से कहा गया कि आप पार्टी की नीतियों विचारधारा एवं अनुशासन के विरुद्ध जाकर कोई भी बयानबाजी व कृत्य आदि न करें परंतु इसके बाद भी आप लगातार पार्टी के विरुद्ध जाकर कार्य करते आ रहे हैं।”
बसपा ने दानिश अली को याद दिलाया कि कैसे बसपा में एंट्री देकर उन्हें लोकसभा तक पहुँचाया गया, लेकिन फिर भी वह पार्टी विरोधी बातें करते रहे। पत्र में लिखा गया,
“यहाँ आपको यह भी बताना जरूरी है कि सन 2018 तक आप देवगौड़ा की जनता पार्टी के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे थे तथा कर्नाटक में सन् 2018 के आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा गया था। इस गठबंधन में देवगौड़ा के अनुरोध पर आपको अमरोहा से बसपा प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया गया और इस टिकट के दिए जाने के पहले देवगौड़ा ने यह आश्वासन दिया था कि बसपा को टिकट न मिलने के बाद बसपा की सभी नीतियों व निर्देशों का सदैव पालन करेंगे और पार्टी के हित में ही कार्य करेंगे। इस आश्वासन को आपने भी उनके समक्ष दोहराया था।
इसी आश्वासन के बाद ही आपको बसपा की सदस्यता ग्रहण कराई गई थी और अमरोहा से चुनाव लड़ाकर तथा जिताकर लोकसभा में भेजा गया था। लेकिन आप अपने दिए गए वादों को भूलकर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। अत: अब पार्टी के हित में आपको बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।”
बता दें कि दानिश अली को पार्टी से निकालने के पीछे बड़ा कारण उनकी कॉन्ग्रेस से बढ़ रही नजदीकियों को बताया जा रहा है। पिछले दिनों राम बिधूड़ी स उनसे मिलने राहुल गाँधी भी उनके आवास पर गए थे। वहीं कॉन्ग्रेस के ही अजय राय ने भी उनके मुलाकात की थी