फिर उफान मारने लगा केजरीवाल के PM बनने का सपना, फिर मोदी से तुलना करने में जुटा मीडिया

अरविन्द केजरीवाल की पार्टी को कई राज्यों में नकारा जा चुका है

अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी एक बार फिर से राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा लेकर आगे बढ़ रही है। दोपहर तक जैसे ही दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम की तस्वीरें पूरी तरह साफ़ हुई, केजरीवाल की पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से अपने नेशनल एम्बिशन को जाहिर कर दिया। सीएम केजरीवाल के भीतर पीएम बनने का सपना बार-बार उफान मारता रहता है, ये किसी से छिपा नहीं है। 2014 के लोकसभा चुनाव में वो वाराणसी में नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ लड़ने पहुँच गए थे, जहाँ उन्हें बुरी हार मिली थी। इसके साथ ही AAP की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा पर भी ताले लग गए थे।

हालाँकि, गोवा से लेकर हरियाणा तक पार्टी ने दाँव-पेंच आजमाए लेकिन सफलता कहीं नहीं मिली। आम आदमी पार्टी हर जगह नोटा और वामपंथियों से ही मुक़ाबला करती रही। ये भी जानने वाली बात है कि राजस्थान और पंजाब में पार्टी ने बेहतर परिणाम की उम्मीद की थी, लेकिन दोनों ही राज्यों में उन्हें जनता का प्यार नहीं मिला। अब आते हैं AAP के ताज़ा ट्वीट पर, जिनमें पार्टी ने लिखा है- “हम राजनीति करने नहीं, राजनीति बदलने आए हैं। क्रांति का हिस्सा बनिए, AAP ज्वाइन कीजिए।

उधर जदयू से निष्काषित किए गए नेता पवन वर्मा ने भी केजरीवाल की तारीफ की है। कहा जा रहा है कि आगामी बिहार चुनावों में पार्टी पूरी ताकत लगाएगी। आम आदमी पार्टी के भीतर राष्ट्रीय पार्टी बनने का भूत फिर से सवार हो गया है। लेकिन, जिस तरह से विपक्षी एकता की रैलियों में केजरीवाल को नज़रन्दाज़ किया जाता है और कुछ में तो वो हिस्सा ही नहीं लेते क्योंकि उन्हें ‘उचित सम्मान’ नहीं मिलता। हमने देखा था जब हाल ही में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की अध्यक्षता में हुई सीएए विरोधी बैठक में केजरीवाल ने हिस्सा नहीं लिया था।

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अब फिर से पत्रकार अरविन्द केजरीवाल को पीएम मोदी के टक्कर का चेहरा बना कर पेश करेंगे। उनका महिमामंडन किया जाएगा, बावजूद इसके कि क्षेत्र और जनसंख्या के हिसाब से देखें तो दिल्ली की उनकी जीत का ये अर्थ कतई नहीं निकलता कि यूपी और बिहार जैसे बड़े राज्यों में भी AAP पाँव पसार ही लेगी। लेकिन, पत्रकारों के एक विशेष वर्ग की कोशिश जारी रहेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया