बिजली-पानी के बाद अब रेवड़ी की तरह मिलेगा ‘अंग्रेजी का ज्ञान’: केजरीवाल सरकार लाई ‘फ्री इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स’, लोग बोले – श्रीलंका के हालातों से कुछ नहीं सीखा

अरविंद केजरीवाल (फोटो साभार: बिजनेस टु़डे)

हर जगह फ्री की ‘रेवड़ियाँ’ बाँट रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से दिल्ली के युवाओं को लुभाने के लिए मुफ्तखोरी को बढ़ावा दिया है। सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के 50 सेंटरों पर युवाओं के लिए स्पोकेन इंग्लिश कोर्स शुरू करने का ऐलान किया है। ये कोर्स पूरी तरह से मुफ्त होगा।

केजरीवाल ने कहा है कि इस कोर्स का संचालन दिल्ली स्किल एंड एंटप्रिन्योरशिप यूनिवर्सिटी करेगी। उनका मानना है कि इससे बच्चों की अंग्रेजी बोलने की क्षमता का विकास होगा और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट भी होगा। इसके पहले चरण के तहत एक लाख युवाओं को इंग्लिश बोलने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कोर्स में 18-35 साल तक के युवा शामिल हो सकेंगे। ये कोर्स केवल 3-4 महीनों का ही होगा।

सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वैसे तो ये कोर्स पूरी तरह से मुफ्त रहेगा, लेकिन सुरक्षा गारंटी के तौर पर युवाओं से 950 रुपए डिपॉजिट कराए जाएँगे और कोर्स खत्म होने के बाद उन्हें वापस कर दिया जाएगा। केजरीवाल के मुताबिक, गरीब और मध्यम परिवार के बच्चों की अंग्रेजी सही नहीं होती है, इस कारण से उन्हें नौकरियाँ नहीं मिल पाती हैं। लेकिन इस कार्यक्रम से इन बच्चों इंग्लिश अच्छी हो जाएगी।

उन्होंने ये भी बताया कि इस कोर्स के लिए मैकमिलन और वर्ड्सवर्थ के साथ करार किया गया है और इसके अलावा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी इसका एसेसमेंट करेगी।

मुफ्त खोरी के नुकसान

गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार जिस राज्य में है और आम आदमी पार्टी जहाँ भी प्रचार करती है वहाँ-वहाँ ये मुफ्तखोरी का लालच देकर वोटरों को लुभाने की कोशिश करते हैं। हाल ही केजरीवाल ने गुजरात के लोगों को लुभाने की कोशिश करते हुए कहा था, प्रदेश में अगर उनकी सरकार आती है तो 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। हालाँकि, केजरीवाल की सभा में बैठे लोगों ने ही मुफ्तखोरी से स्पष्ट इनकार कर दिया।

मुफ्तखोरी की पीड़ा श्रीलंका से अच्छा कौन जान सकता है, जहाँ सरकारों ने चीन से कर्ज लेकर जनाता को मुफ्त का लालच दिया। इसका असर ये हुआ कि आज श्रीलंका इतिहास की सबसे बुरी आर्थिक त्रासदी का सामना कर रहा है। अभी कुछ दिनों पहले विदेशमंत्री एस जयशंकर ने ‘फ्री कल्चर’ को खत्म करने की वकालत करते हुए श्रीलंका के हालात की तरफ इशारा किया था। वहीं लोगों ने भी इस तरह दिल्ली में हर चीज मुफ्त होता देख कहा है कि यहाँ श्रीलंका के हालात देख कुछ नहीं सीखा जा रहा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया