कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के खिलाफ भीड़ भड़काने के मामले में असम में FIR दर्ज होगी। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने खुद इस संबंध में असम के डीजीपी को निर्देश दिया है। उन्होंने कॉन्ग्रेस की न्याय यात्रा में शामिल कॉन्ग्रेस समर्थकों को उग्र होता देखने के बाद ये निर्देश दिए हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री सरमा ने श्रीनिवास बीवी द्वारा साझा वीडियो को अपनी टाइमलाइन पर शेयर किया था। इस वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, “राहुल गाँधी जी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को एक बार फिर से बैरिकेडिंग लगाकर रोकने की साजिश हुई है, लेकिन हम ये अब होने नही देंगे…जितनी लाठियाँ चलानी है चलाओ… ये जंग अब जारी रहेगी।”
उनकी इस वीडियो में दिखाई पड़ रहा था कि कॉन्ग्रेसी समर्थकों ने पुलिस द्वारा लगाई बैरिकेडिंग को तोड़ा गया। उन बैरिकेड्स को पुलिसकर्मियों पर पलटा और तेज-तेज राहुल गाँधी जिंदाबाद के नारे लगाए।
इस वीडियो को देखने के बाद सीएम सरमा ने अपने ट्वीट में लिखा, “ये असमिया संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं। हम एक शांतिपूर्ण राज्य हैं। ऐसी ‘नक्सली रणनीति’ हमारी संस्कृति से पूरी तरह अलग हैं। मैंने असम पुलिस के डीजीपी को भीड़ को उकसाने के लिए कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के खिलाफ मामला दर्ज करने और अपने हैंडल पर पोस्ट किए गए फुटेज को सबूत के रूप में उपयोग करने का निर्देश दिया है। राहुल गाँधी के अनियंत्रित व्यवहार और सहमत दिशानिर्देशों के उल्लंघन के परिणामस्वरूप अब गुवाहाटी में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम हो गया है।”
बता दें कि कॉन्ग्रेसियों द्वारा गुवाहटी में ऐसी हरकत किए जाने के बाद राहुल गाँधी ने इस संबंध में अपने समर्थकों की वाह वाही की थी। उन्होंने अपने उग्र समर्थकों को बब्बर शेर कहा था और कहा था कि हम लोगों ने बैरिकेड तोड़ा है, कोई कानून नहीं है।
हालाँकि हिमंता बिस्वा सरमा ने ऐसी हरकत को बर्दाश्त किए बगैर, डीजीपी को निर्देश दे दिया कि ऐसे बर्ताव बिलकुल सहे नहीं जाएँगे।
इससे पहले उन्होंने कॉन्ग्रेस पार्टी को शहर में एंट्री देने से मना किया था। उन्होंने कहा था कि ट्रैफिक जाम की स्थिति से बचने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी को एंट्री नहीं दी गई है। राहुल गाँधी को नागाँव जिले के शंकरदेव मंदिर में भी एंट्री देने से मना कर दिया गया था। इसके बाद कॉन्ग्रेस ने कहा था कि असम सरकार बेवजगह उनके रास्ते में अड़ंगे लगा रही है।