उस्मानाबाद का नाम ‘धाराशिव’ और औरंगाबाद बना ‘संभाजीनगर’: महाराष्ट्र सियासी संकट के बीच उद्धव का हिंदुत्व कार्ड, कैबिनेट ने लिए तीन अहम फैसले

महाराष्ट्र सियासी संकट के बीच उद्धव का हिंदुत्व कार्ड, कैबिनेट ने लिए तीन अहम फैसले (तस्वीर-फर्स्ट पोस्ट)

महाराष्ट्र की कुर्सी पर सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे सरकार ने बुधवार (29 जून, 2022) को हुई कैबिनेट मीटिंग में हिंदुत्व का कार्ड खेलते हुए तीन अहम फैसले लिए हैं। कैबिनेट ने औरंगाबाद शहर का नाम ‘संभाजीनगर’, वहीं उस्मानाबाद शहर का नाम ‘धाराशिव’ रखने और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलकर स्वर्गीय डीबी पाटिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखने के लिए स्वीकृति दी है

हालाँकि, महाराष्ट्र सरकार ने ये फैसले ऐसे समय में लिए हैं जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस की सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी सरकार से 30 जून (गुरुवार) को बहुमत साबित करने को कहा है। लेकिन शिवसेना ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और ऐसे में यदि शीर्ष अदालत का फैसला पक्ष में नहीं आया तो उद्धव ठाकरे को सत्ता गँवानी पड़ सकती है।

बता दें कि आज तेजी से महाराष्ट्र का घटनाक्रम बदलता नजर आया। जिस वक्त सुप्रीम कोर्ट में कल के फ्लोर टेस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, ठीक उसी समय महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट की बैठक बुलाई। इस कैबिनेट बैठक के आखिर में सीएम ठाकरे बेहद भावुक हो गए और कहा, “पिछले ढाई साल में आपने मेरा सहयोग किया उसके लिए मैं शुक्रगुजार हूँ लेकिन अगर मेरी किसी चीज से आपका दिल दुखा हो तो उसके लिए मुझे माफ करना।”

वहीं उन्होंने शिवसेना के बागी विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि कई लोगों ने दगा भी किया। वहीं आज कैबिनेट बैठक में तय किया गया है कि अहमदनगर-बीड-परली वैजनाथ नई रेलवे लाइन परियोजना के पुनर्निर्माण को मंजूरी दी जाएगी और राज्य सरकार इसके लिए योगदान देगी। साथ ही कैबिनेट बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष पिछड़ा वर्ग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले घरकुल योजना लागू करने पर भी चर्चा हुई।

गौरतलब है कि पिछले दिनों मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में बगावत करके गोवाहाटी में डेरा डाल दिया है। वहाँ उनके खेमे में शिवसेना के करीब 39 विधायक हैं। वहीं एकनाथ शिंदे का दावा है कि निर्दलीय को मिलाकर उनके पास कुल 50 विधायक हैं। बता दें कि आज ही शिंदे ने दावा किया कि हमारे पास दो-तिहाई से अधिक विधायकों का समर्थन है, जो कि किसी भी शक्ति परीक्षण की आवश्यक संख्या से अधिक साबित होंगे। वहीं यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं उद्धव ठाकरे शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफ़ा न दे दें।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया