‘ये भारत का सौभाग्य है कि भारत माता ने अपने सपूत नरेंद्र दामोदर दास मोदी को इस कार्य के लिए चुना’

अनुष्ठान के दौरान पुरोहितों ने संकल्प के लिए पीएम मोदी को राष्ट्र प्रतिनिधि के रूप में चुना

आखिरकार भारतीय इतिहास की वह महान घटना सफलतापूर्वक संपन्न हुई। आखिरकार अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर का भूमिपूजन कार्यक्रम हो चुका है, जिसके लिए हिन्दुओं ने सदियों तक सन्घर्ष और इन्तजार किया और इसके यजमान बने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी!

अनुष्ठान के दौरान जब संकल्प लिया गया तो पुरोहितों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘राष्ट्रप्रमुख, सम्पूर्ण राष्ट्र के प्रतिनिधि’ के तौर पर यजमान के रूप में आह्वान किया गया और कहा कि यह भारत का सौभाग्य ही है कि भारत माता ने इस कार्य के लिए अपने सपूत को चुना है।

संकल्प के दौरान पुरोहितों ने राष्ट्र प्रतिनिधि के रूप में नरेंद्र दामोदर दास मोदी को श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के लिए आह्वान किया और जैसे ही भूमिपूजन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, पांडाल जय श्रीराम और हर हर महादेव के नारों से गूँज उठा।

वास्तव में संकल्प पूजा-अनुष्ठान का वह हिस्सा होता है, जिसमें यजमान पूरी पूजा के फल के लिए ईश्वर (देवराज इंद्र) से प्रार्थना करता है। मान्यता है कि यदि यजमान संकल्प नहीं करता है तो उसे अनुष्ठान का फल नहीं मिलता।

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में भूमिपूजन का यह भावुक अवसर देशवासियों ने दूरदर्शन चैनल पर देखा। पुरोहितों ने कहा कि हम सभी भगवन से प्रार्थना करते हैं कि हम स्वयं रामराज्य का दर्शन करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर की आधारशिला रख दी है और पूजा सम्पन्न हो गई है। राम मंदिर निर्माण के लिए पहले शिलाओं का पूजन किया गया। 12 बज कर 44 मिनट पर चाँदी की कन्नी से नींव डाली गई। पूजा स्थल पर मुख्यमंत्री योगी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और नृत्य गोपाल दास मौजूद हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया