कॉन्ग्रेस को असम में तगड़ा झटका लगा है। कॉन्ग्रेस के एक और विधायक भरत चन्द्र नारा ने राज्य में पार्टी से किनारा कर लिया है। उधर दक्षिण में भाजपा का किला और मजबूत हुआ है। कर्नाटक में KRPP पार्टी का भाजपा में विलय हो गया है। साथ ही इसके विधायक जी जनार्दन रेड्डी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
असम के लखीमपुर जिले में नौबोइछा विधानसभा सीट से विधायक भरत चन्द्र नारा ने अपना इस्तीफ़ा कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को लिखा है। इससे पहले उन्होंने राज्य के मीडिया प्रभारी के पद से इस्तीफ़ा दिया था। बताया जा रहा है कि भरत नारा अपनी पत्नी रानी नारा को लोकसभा टिकट ना मिलने से नाराज थे।
भरत की पत्नी रानी नारा लखीमपुर लोकसभा सीट से टिकट माँग रही थी। वह इस सीट से दो बार सांसद भी रह चुकी हैं। वह आखिरी बार इस सीट से 2009 में सांसद चुनी गई थीं। वह UPA सरकार में जनजातीय मामलों की राज्यमंत्री थीं। रानी नारा इस बार फिर से कॉन्ग्रेस के टिकट से लखीमपुर लोकसभा लड़ने की इच्छुक थी।
कॉन्ग्रेस ने इस बार लखीमपुर लोकसभा सीट से उदय शंकर हजारिका को उम्मीदवार बनाया है। वह भाजपा से कॉन्ग्रेस में आए हैं। इसी कारण से नाराजगी में भरत नारा ने कॉन्ग्रेस छोड़ने का निर्णय लिया है। असम में इसी के साथ कॉन्ग्रेस की हालत और खराब हो गई है। इससे पहले भी कई कॉन्ग्रेस विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।
कर्नाटक में मजबूत हुई भाजपा
जहाँ कॉन्ग्रेस को एक ओर झटके लग रहे हैं वहीं भाजपा लगातार मजबूत हो रही है। कर्नाटक में भाजपा को और मजबूती मिली है। कर्नाटक में कर्नाटक राज्य प्रगति पक्ष (KRPP) के अकेले विधायक और बाहुबली नेता जी जनार्दन रेड्डी ने भाजपा में पार्टी का विलय कर दिया है।
रेड्डी ने अपनी पत्नी और तमाम समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया है। रेड्डी ने यह भी कहा है कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए। रेड्डी बेल्लारी क्षेत्र का बड़ा नाम हैं। वह कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। रेड्डी के भाई सोमशेखर रेड्डी और करुणाकरण रेड्डी भी विधायक और सांसद रह चुके हैं।
रेड्डी ने कहा कि उन्होंने भाजपा में शामिल होने को लेकर अपने समर्थकों से बातचीत की थी। उनके समर्थक उनके साथ हैं। रेड्डी के पार्टी में शामिल होने के समय कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेन्द्र और बी एस येदिरुय्प्पा भी मौजूद रहे।