‘सपा के समाजवाद का असली खेल, प्रत्याशी को या तो जेल या फिर बेल’: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- दंगाई सपा में जाते हैं

अनुराग ठाकुर और अखिलेश यादव

केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) ने कहा कि जो लोग दंगा कराते हैं वो समाजवादी पार्टी में जाते हैं और जो दंगा रोकते हैं, वे भाजपा में आते हैं। यह बात उन्होंने रविवार (16 जनवरी 2022) को लखनऊ में पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण के पार्टी में शामिल होने के दौरान कही। अरुण कानपुर के कमिश्नर रह चुके हैं।

अनुराग ठाकुर ने इस दौरान जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम और नाहिद हसन का खासतौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन जेल में हैं और एक आजम अब्दुल्ला बेल पर हैं। जेल और बेल का खेल ही समाजवादी पार्टी का असली खेल है।

उन्होंने कहा, ‘सपा के समाजवाद का असली खेल, या तो प्रत्याशी को जेल या फिर बेल। अगर आप नाहिद हसन को देखेंगे, जो प्रत्याशी नंबर वन है समाजवादी पार्टी, वो जेल में है। उनका दूसरा एमएलए अब्दुल्ला आजम, वो बेल पर है। एक जेल में एक बेल पर। सूची देखेंगे तो शुरुआत जेल वाले से होती है और अंत सूची का बेल वाले पर होगा।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी में असीम अरुण जैसे ईमानदार छवि के अधिकारी आ रहे हैं और समाजवादी पार्टी में दंगा करने वाले दंगाई और हत्यारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हसन के खिलाफ दंगा करने सहित कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। ये वही नाहिद हसन हैं, जिन्होंने लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर वाले लोगों को संरक्षण दिया।

बता दें कि सपा विधायक नाहिद हसन को दो दिन पहले ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। पिछले साल 6 फरवरी को विधायक हसन और उनकी अम्मी एवं पूर्व सांसद तब्बसुम हसन सहित 40 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया था। जमीन के एक मामले में धोखधड़ी का केस चल रहा है। शामिल कोर्ट पहले ही हसन को भगोड़ा घोषित कर चुकी है। कैराना में हुए हिंदुओं के पलायन में भी नाहिद हसन का हाथ माना जाता है।

पिछले साल नाहिद हसन ने पश्चिमी यूपी के मुस्लिमों से अपील की थी वे जाटों का आर्थिक बहिष्कार कर दें। नाहिद ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि मुस्लिम एकजुट होकर जाटों की दुकानों से सामान खरीदना बंद कर दें और मुस्लिम कारोबारियों को आगे बढ़ाएँ। इस पर खूब बवाल हुआ था।

वहीं, अब्दुल्ला आजम शनिवार (15 जनवरी 2022) को 23 महीने बाद जेल से जमानत पर बाहर आए हैं। क्वालिटी बार की जमीन को लेकर आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला पर आईपीसी की धारा 467 व 468 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। बाद में धारा 120बी भी लगा दी गई थी। इसी वजह से उनकी रिहाई में विलंब हुआ। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया