‘खतना चेक कर दें नागरिकता’: CAA पर बहस के बीच पूर्व राज्यपाल का सुझाव, कहा- हिंदू, बौद्ध और ईसाई शरणार्थियों को मिले लाभ

भाजपा नेता तथागत रॉय (चित्र साभार: Hindustan Times)

मिजोरम और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल और भाजपा नेता तथागत रॉय ने नए नागरिकता कानूनों (CAA) के अंतर्गत दी जाने वाली नागरिकता को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने पड़ोसी देश से आए शरणार्थियों की पहचान खतना देखकर करने की अपील की है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस सम्बन्ध में नियम स्पष्ट करने की बात कही है।

पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “TMC पश्चिम बंगाल में CAA को लेकर लगातार झूठी जानकारी फैला रही है। इससे लोगों के गुमराह होने की संभावना दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को ऐसी स्थिति में जल्द ही यह स्पष्ट करना चाहिए कि बांग्लादेश में होने वाले इस्लामी अत्याचार के कारण जो हिन्दू शरणार्थी मात्र कपड़ों के साथ भारत आए, उन्हें नागरिकता कैसे मिलेगी और उन शरणार्थियों की क्या स्थिति होगी जिनका नागरिकता सम्बन्धी आवेदन खरिज हो गया है।”

राज्यपाल तथागत रॉय ने इसके बाद नागरिकता का हकदार किसे समझा जाए, इसके लिए कुछ सुझाव दिए। उन्होंने लिखा, “एक हिंदू, बौद्ध या ईसाई शरणार्थी को नागरिकता पाने का हकदार माना जाना चाहिए। शरणार्थी पुरुष के धर्म का परीक्षण खतना या और किसी विधि से होना चाहिए। जो भी पुरुष इस प्रक्रिया में हिन्दू पाए जाते हैं, उनके साथ आने वाली महिलाओं को भी हिन्दू माना जाए।”

आगे उन्होंने बताया , “हिंदू, बौद्ध और ईसाइयों के नागरिकता आवेदन यदि किसी कारण से खारिज कर दिए गए हैं, तो उन्हें यहाँ रहने दिया जाए। स्पष्ट रूप से यह बताया जाए कि उनको किसी भी तरीके से डिटेंशन कैम्प में नहीं भेजा जाएगा।”

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने CAA कानून को देश भर में लागू किया है। इसके अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता का देने का प्रावधान है। इसके नियमों के अंतर्गत 2014 से पहले वैध रूप से भारत आए सभी हिन्दू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने एक पोर्टल और मोबाइल एप भी लॉन्च किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया