एक देश, एक स्कूली शिक्षा: मेडिकल-इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं में सबको दिलाएगा बराबरी का मौका

निशिकांत दुबे ने की पूरे देश में एक शिक्षा की माँग

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार (जुलाई 5, 2019) को पूरे देश में एक स्कूली शिक्षा की माँग लोकसभा में उठाई। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उन्होंने कहा कि ऐसा करने से ग्रामीण प्रतिभाओं को भी बराबर का मौक़ा मिलेगा।

सदन में भाजपा सांसद ने अपने मत पर तर्क दिया कि प्रदेश बोर्डों में अलग-अलग पाठ्यक्रम होने के कारण मेडिकल और इंजीनियरिंग के दाखिले की परीक्षाओं में ग्रामीण इलाकों के बच्चे स्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक बोर्ड होना चाहिए ताकि सभी बच्चे एक तरह की पढ़ाई करें और सबको बराबर का मौका मिले।

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि लोकसभा में कल (अगस्त 5, 2019) निशिकांत दुबे समेत 74 सदस्यों ने अपनी बात रखी। जहाँ निशिकांत ने शिक्षा का मुद्दा उठाया, वहीं शून्यकाल के दौरान बीजू जनता दल के नेता माहताब ने 2021 की जनगणना में OBC समुदाय के लोगों की अलग से जनगणना का सुझाव दिया, जबकि भाजपा के जगदम्बिका पाल ने आंगनवाड़ी कर्मियों के विषय को उठाया और माँग की कि इन कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी होने का दर्जा दिया जाए।

इस दौरान भाजपा के राजकुमार चाहर ने अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मस्थान पर उनकी बड़ी मूर्ति स्थापित करने की माँग की। वहीं भाजपा के रवि किशन ने लड़कियों को अनिवार्य रूप से सैन्य प्रशिक्षण देने की व्यवस्था बनाने की माँग को उठाया।

शून्यकाल के दौरान भाजपा के अन्य नेताओं ने भी अपने अच्छे सुझावों को सामने रखा। भाजपा के ही सुशील कुमार सिंह ने इस दौरान किडनी संबंधी डायलिसिस योजना का जिक्र किया और बिहार के औरंगाबाद के जिला सदर अस्पताल में ऐसा केंद्र खोलने की माँग की। साथ ही भाजपा के रमेश बिधुड़ी ने दिल्ली में झुग्गी बस्ती के लोगों को बुनियादी सुविधा सुनिश्चित किए जाने की माँग को उठाया।

इसके अलावा भाजपा के अनुराग शर्मा, वाईएसआर कॉन्ग्रेस के रामकृष्ण राजू, शिवसेना के विनायक राउत और कई अन्य सदस्यों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों के मुद्दे उठाए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया