दिल्ली में सरकारी जमीनों पर बनी ‘अवैध’ मस्जिदों का टूटना निश्चित: BJP सांसद का दावा

प्रवेश वर्मा ने अवैध मस्जिदों का मुद्दा फिर उठाया

पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने एक बार फिर दिल्ली में सरकारी जमीन पर बनी मस्जिदों के टूटने की बात की है। उन्होंने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ये मुद्दा उठाया

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया कि सरकारी जमीन पर बनी मस्जिदों का टूटना निश्चित है। इसके अलवा उन्होंने कहा अगर दिल्ली में भाजपा सत्ता में आती है तो गरीबों को सिर्फ एक रुपए प्रति माह में बिजली और पानी दिया जाएगा। साथ ही उन्‍होंने बताया, “200 यूनिट प्रति माह की बाध्यता नहीं रहेगी, जरूरत के अनुसार बिजली मिलेगी। अमीरों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।”

गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब प्रवेश वर्मा ने ‘अवैध’ मस्जिदों से जुड़े मुद्दे को सार्वजनिक तौर पर उठाया। इससे पहले वे इस संबंध में 18 जून को दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिख चुके हैं। उस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि देश की राजधानी में कई मस्जिदों का निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किया गया है।

भाजपा सांसद ने उस दौरान माँग की थी कि ऐसी मस्जिदों को सरकारी जमीन से हटाया जाए। हालाँकि, दिल्ली माइनॉरिटी कमिशन (डीएमसी) ने दावा किया था कि प्रवेश वर्मा के आरोप में कोई सच्‍चाई नहीं है।

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बता दें, साल 2019 के जून महीने में आधिकारिक रूप से ये मामला उठाने के बाद प्रवेश वर्मा ने धमकियाँ तक मिलीं। जिसके मद्देनजर उन्हें जून 20, 2019 को पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को चिट्ठी लिखकर जानकारी देनी पड़ी कि उन्हें फोन पर एसएमएस भेजकर और सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकियाँ दी गई

उन्होंने उस समय इस मामले की जाँच कर आरोपितों का पता लगाने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की माँग की थी। साथ ही सरकारी जमीनों पर लगातार हो रहे अतिक्रमण को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल से जुलाई में मुलाकात की थी।

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उपराज्यपाल से मुलाकात के दौरान 54 ऐसी सरकारी जमीनों की लिस्ट उपराज्यपाल को सौंपी गई थी, जिन पर अवैध रूप से मजार, मस्जिद और कब्रिस्तान बनाए गए। जिसके बाद उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया था कि इन सभी जगहों की पड़ताल की जाएगी और अगर ऐसा कुछ पाया जाएगा तो उन कब्जों को हटाया जाएगा।

अवैध कब्जे वाली जगह (लिस्ट-1)
लिस्ट-2

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया