गुजरात में विधानसभा के चुनाव परिणाम आ रहे हैं और चुनाव आयोग के आधिकारिक आँकड़ों को देखें तो जहाँ भाजपा 154 सीटों पर आगे चल रही है और कॉन्ग्रेस पार्टी के खाते में मात्र 19 सीटें जाती हुई दिख रही हैं। AAP ने हाइप तो खूब बनाया, लेकिन पार्टी को आधा दर्जन सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। गुजरात की जिन सीटों और उम्मीदवारों पर लोगों की विशेष नजर थी, उनमें से एक है द्वारका, जहाँ से भाजपा के पबुभा मानेक जीत गए हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी उनके लिए जनसभा की थी।
द्वारका विधानसभा सीट पर पबुभा मानेक का सीधा मुकाबला कॉन्ग्रेस के अहीर मुलू कंदोरिया से था। 144 करोड़ की संपत्ति वाले कारोबारी पबुभा मानेक प्रतिदिन 5 घंटे गौशाला में बिताते हैं। घनी-लंबी मूँछें, काला चश्मा, गर्दन तक आते बाल और रौबदार चेहरा – ये उनकी पहचान है। महज 8वीं तक पढ़े हैं, लेकिन देश-विदेश की जानकारी रखते हैं। पहली बार वो 1990 में निर्दलीय लड़े थे और जीते थे। उन्होंने दोस्तों के कहने पर मजाक-मजाक में पर्चा भर दिया था और वापस भी लेने वाले थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
वो वाघेर क्षत्रिय समुदाय से आते हैं। उन्होंने 1995 और 1998 के विधानसभा चुनावों में भी निर्दलीय जीत दर्ज की थी। इसके बाद वो कॉन्ग्रेस में आ गए, जहाँ से टिकट लेकर वो 2002 के विधानसभा चुनाव में विजयी हुए। हालाँकि, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर वो भाजपा में आ गए और 2007, 2012, 2017 और 2022 का चुनाव इसी पार्टी से लड़ा और जीता। वो द्वारकाधीश मंदिर के पुजारियों के परिवार से आते हैं।
पहली बार चुनाव लड़ने के दौरान अपने पिता की अनुमति के लिए उन्हें मनाने के लिए दोस्तों को भेजना पड़ा था। उन्होंने 2002 में शंकर सिंह वाघेला के कहने पर कॉन्ग्रेस ज्वाइन किया था। कहा जाता है कि द्वारका में मुस्लिमों के तबके का एक हिस्सा भी उन्हें वोट के रूप में मिलता है। वहाँ हाल ही में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बड़ी कार्रवाई हुई है। पबुभा मानेक शिपिंग, ट्रांसपोर्ट और रियल एस्टेट कारोबार में हैं। उन पर एक बार मोरारी बापू पर हमला करने का आरोप भी लगा था। अब भगवान बलराम पर मोरारी बापू ने विवादित बयान दिया था।