पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में पीड़िताओं ने अपने बयान में तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता शेख शाहजहाँ का नाम आरोपितों के तौर पर स्पष्ट ढंग से लिया है, लेकिन फिर भी वह आजाद है। ऐसे में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि शाहजहाँ को इस तरह राज्य से बढ़ावा नहीं मिल सकता। प्रथम दृष्ट्या में पता चलता है कि उसने लोगों का नुकसान किया है।
पीठ ने कहा, “यह चौंकाने वाला है कि समस्या की जड़ वाला व्यक्ति अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है और वो फरार है। अगर उसके खिलाफ हजारों झूठे आरोप हैं, लेकिन इनमें अगर एक भी आरोप सही है तो आपको उसकी जाँच करनी चाहिए। आप बेवजह लोगों को परेशान कर रहे हैं।”
कोर्ट ने कहा- “राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या तो है। वह जनप्रतिनिधि है। वह कानून का अपमान नहीं कर सकता। देखते हैं कि वो कोर्ट के आगे पेश होगा या नहीं।” कोर्ट ने कहा कि स्वत: संज्ञान मामले में हम उन्हें सरेंडर करने को कहेंगे।”
अदालत ने कहा- “पूरे 18 दिन हो गए हैं। एक आदमी जो पूरी समस्या की जड़ है वो अब भी फरार है। हमें ये भी नहीं पता कि उसे संरक्षण मिला है या नहीं लेकिन उसे नहीं पकड़ा जा सका है ये पक्का है।”
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक ओर जहाँ टीएमसी नेता की गिरफ्तारी न करने पर बंगाल सरकार को फटकारा है, वहीं कोर्ट की डिविजन बेंच ने आज (20 फरवरी 2024) बंगाल के प्रतिपक्ष नेता शुभेंदु अधिकारी को हिंसा प्रभावित संदेशखाली में जाने की इजाजत दी, जिसके बाद बीजेपी नेता संदेशखाली पहुँचे। अब वह वहाँ पीड़ितों से मुलाकात करेंगे।