टेस्टिंग थी बाक़ी, फिर भी आदित्य ठाकरे ने जबरन कर दिया पुल का उद्घाटन: लोगों की जान खतरे में डालने के लिए दर्ज हुई FIR, बिना अनुमति ब्रिज को कर दिया चालू

आदित्य ठाकरे व अन्य नेता पुल का उद्घाटन करते हुए (X_Aaditya Thackeray)

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। उनके साथ कई अन्य नेताओं पर भी मामला दर्ज कराया गया है। ये FIR सरकारी कार्य में बाधा डालने, आम लोगों के जीवन को खतरे में डालने जैसे मामलों में दर्ज कराई गई है। BMC ने मुंबई के एनएम जोशी पुलिस स्टेशन में एक पुल के जबरन उद्घाटन के मामले में FIR दर्ज कराई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला डिलाइल रोड ब्रिज लेन के उद्घाटन के सिलसिले में दर्ज किया गया है। इसमें आदित्य ठाकरे के साथ MLC सुनील शिंद, पूर्व महापौर किशोरी पेडनेकर, पूर्व विधायक सचिन अहीर, स्नेहल अंबेडकर समेत 20 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। मुंबई के एनएम जोशी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 143, 149, 326 और 447 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

डिलाइल पुल का जबरन कर दिया उद्घाटन

आदित्य ठाकरे और अन्य नेताओं ने डिलाइल ब्रिज को बिना परमिशन ही खोल दिया। अभी इस ब्रिज से जुड़ी कुछ अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने बाकी हैं। ऐसे में बीएमसी ने कहा है कि इस पुल पर कोई हादसा होता है, तो वो किसकी जिम्मेदारी होगी? अभी पुल की पूरी तरह से जाँच होनी है। इसके बाद इसे अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलना था, और फिर इस माह के आखिर तक इसे खोले जाने की योजना थी। हालाँकि, अनापत्ति प्रमाण पत्रों (NOC) के न मिलने की वजह से इसके खुलने की तारीख अभी तय नहीं हुई थी।

वहीं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) गुट के नेताओं का कहना है कि आम लोगों को समस्याएँ हो रही हैं। ये पुल लंबे समय से बनकर तैयार है। ऐसे में उन्होंने BMC को समय दिया था कि वो तीन दिनों के अंदर अपनी सारी प्रक्रियाएँ पूरी कर ले, लेकिन बीएमसी ने ऐसा नहीं किया। जिसके बाद उन्हें खुद ही ये कदम उठाया पड़ा। इस बारे में आदित्य ठाकरे ने 16 नवंबर को एक्स पर पोस्ट भी किया था।

श्रेय लूटने की कोशिश कर रहे यूबीटी ग्रुप के लोग

शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रवक्ता किरण पावस्कर ने कहा कि यूबीटी ग्रुप के लोग सिर्फ श्रेय लूटने की कोशिश कर रहे थे। जब वो सत्ता में थे, तब तक इस पुल पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब हमारी सरकार और प्रशासन ने पुल को पूरा कराया है, तो श्रेय लूटने की कोशिश में उन्होंने जल्दबाजी में पुल का उद्घाटन कर दिया है। इससे आम लोगों की जान को जोखिम में डाला गया। समय से पहले बिना NOC के ही पुल को खोल देना, जिसकी टेस्टिंग पूरी नहीं हुई है, वो किसी बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया