शिवसेना नेता ने खुलेआम उड़ाई कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियाँ, बचाव में उतरी मंदिरों को जिम्मेदार ठहराने वाले ठाकरे की पुलिस

कोरोना नियमों की धज्जियाँ उड़ाते शिवसेना नेता संजय राठौड़

महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच पुलिस को जहाँ नियमों की अनदेखी करने वालों के ख़िलाफ़ सख्ती से पेश आना चाहिए, वहीं राज्य पुलिस आम जनता और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं में फर्क करने में लगी है। यही नहीं, इस बारे में सवाल पूछे जाने पर महाराष्ट्र पुलिस इस भेदभाव को सही साबित करते हुए भी देखी जा रही है। ख़ास बात यह है कि हाल ही में ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना के मामलों के लिए मंदिरों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया था।

टाइम्स नाउ के अनुसार, महाराष्ट्र से खबर है कि वाशिम इलाके में स्थित पोहरा देवी मंदिर में शिवसेना नेता संजय राठौड़ ने जाकर कई समर्थकों के साथ दर्शन किए। जहाँ खुलेआम कोरोना नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गईं। इस दौरान न तो तय दूरी का ख्याल किया गया और न ही कुछ लोगों ने मास्क पहनना जरूरी समझा।

घटना की वीडियो वायरल होने के बाद बात जब शिकायत दर्ज करने पर आई तो पुलिस ने 10 ज्ञात और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया। वाशिम जिले के एसपी से जब पूछा गया कि क्या इस मामले में संजय राठौड़ के ख़िलाफ़ भी मुकदमा दर्ज हुआ तो पुलिस ने इससे मना कर दिया। आम जन और मंत्री पद पर बैठे व्यक्ति के बीच इस भेदभाव पर सफाई देते हुए एसपी ने कहा कि राठौड़ ने सिर्फ़ मंदिर में दर्शन किए थे और दर्शन करने के बाद वह वहाँ से चले गए।

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रिपोर्ट के मुताबिक, ये रवैया वाशिम पुलिस का पहले से अनुमानित था। बहुत लोगों को पता था कि संजय राठौड़ अपने कई समर्थकों के साथ मंदिर में दर्शन करने आने वाले हैं, क्योंकि वह पहले से एक डेथ केस के कारण विवादों में थे। मीडिया को भी पता था कि वे वहाँ आने वाले हैं। फिर भी बात जब केस दर्ज करने की आई तो पुलिस ने कहा कि उतने लोगों में से केवल 10 लोग पहचाने गए हैं।

हैरानी की बात यह है कि पुलिस सामने आई वीडियो से संजय राठौड़ को भी नहीं पहचान पाई है, जहाँ भीड़ उनके आस पास खचाखच भरी थी और किसी ने मास्क पहना था और किसी ने वो भी पहनना जरूरी नहीं समझा। वाशिम पुलिस की इस हरकत के बाद ये सवाल उठना लाजिमी है कि क्या कोरोना प्रोटोकॉल्स सिर्फ़ आम आदमी के लिए ही हैं।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद अमरावती जिले में एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है। वहीं नागपुर में भी 7 मार्च तक के लिए लॉकडाउन है। अन्य जिलों में भी आम जन को इस समय सख्ती से नियम फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि जरूरी सामान की दुकानों को छोड़कर लॉकडाउन में सभी दुकानें, सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग सेंटर, ट्रेनिंग स्कूल बंद रहेंगे। लोगों को सुबह नौ बजे से शाम पाँच बजे तक ही सामान खरीदने की छूट होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया