बांग्लादेश से आए 63 हिन्दू परिवारों की पुनर्वास योजना: योगी सरकार देगी खेती के लिए जमीन और घर, मनरेगा से नौकरी भी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लेते हुए 1970 के दशक में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) से आए 63 विस्थापित हिंदू परिवारों की पुनर्वास योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत इन सभी को पुनर्वास योजना के अंतर्गत कानपुर देहात की रसूलाबाद तहसील के भैंसाया गाँव में जमीन और घर दिए जाएँगे। ये अपना जीवन यापन अच्छे से कर सकें, इसीलिए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया।

सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार (10 नवंबर, 2021) को हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिसमें से एक ये भी था। रिपोर्ट के मुताबिक, पुनर्वास योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने 121.41 हेक्टेयर जमीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। इसके तहत सरकार ने हर परिवार को कृषि कार्य के लिए 2 एकड़ जमीन और घर के लिए 200 वर्ग मीटर भूमि दिए जाने का निर्णय लिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत प्रति परिवार 1.20 लाख रुपए की धनराशि आवंटित की जाएगी। मनरेगा के तहत यहाँ विकास के कार्य भी शुरू किए जाएँगे, ताकि इन्हें गाँव में ही सम्मानजनक कार्य मिल सके।

दरअसल, 1970 के दशक में बांग्लादेश से 63 हिंदू परिवार यहाँ आए थे, जो बाद में यहीं के होकर रह गए। इन लोगों को मदन कपास मिल में रोजगार दिया गया था। लेकिन बाद में मिल बंद हो गई, जिससे ये लोग फिर से बेरोजगार हो गए। अब बीते 30 सालों से ये इसी तरह से बेरोजगार हैं। जल्द ही राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह कानपुर देहात का दौरा कर पुनर्वास योजना के लिए जमीनों को देखेंगे।

योगी कैबिनेट द्वारा लिए गए अन्य फैसले

विस्थापित हिंदू परिवारों के पुनर्वास के अलावा भी योगी कैबिनेट ने अन्य महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसी क्रम में ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत बाहरी लोग अपने गाँव के विकास में योगदान दे सकेंगे। वकीलों के कल्याण के लिए योगी सरकार ने यूपी अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम-1974 के संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिससे रजिस्ट्रेशन से 30 साल पूरा करने पर 5,848 वकीलों को 1.5-5 लाख तक की एकमुश्त रकम दी जाएगी। इसके अलावा इटावा में 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए मंजूरी समेत अन्य फैसले लिए गए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया