प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में सौ रुपये का स्मृति-सिक्का जारी किया है। ये सिक्का 35 ग्राम वजन का है। इस सिक्के पर श्री वाजपेयी की तस्वीर भी बनी हुई है। बता दें कि 1999 से 2004 भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। ऐसे में देश कल दिवंगत नेता की 94वीं जयंती मनायेगा। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा;
“अटल जी का सिक्का हमारे दिलों पर 50 साल से ज्यादा चला. हम अगर उनके आदर्शों पर चलते हैं तो हम भी अटल बन सकते हैं. हमें उनकी जिंदगी से प्रेरणा लेनी चाहिए.”
जी न्यूज़ पर प्रकशित एक रिपोर्ट के अनुसार सिक्के की दूसरी तरफ अशोक स्तंभ है। सिक्के के एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री का पूरा नाम देवनागरी और अंग्रेजी में लिखा गया है। वहीं तस्वीर के निचले हिस्से में वाजपेयी का जन्म वर्ष 1924 और देहांत का वर्ष 2018 अंकित किया गया है। इस सिक्के का वजन 35 ग्राम है। सिक्के की बांयी परिधि पर देवनागरी लिपि में भारत और दांयी तरफ अंग्रेजी में इंडिया लिखा गया है। ये भी ज्ञात हो कि ये आम सिक्कों की तरह प्रचलन में नहीं आयेगा। मुख्य रूप से चांदी और ताम्बे से बने इस सिक्के को सरकार द्वारा प्रीमियम दरों पर बेचा जायेगा। इस सिक्के में पूर्व प्रधानमंत्री का जन्म वर्ष और देहांत वर्ष भी अंकित है जो क्रमशः 1924 और 2018 है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा;
“अटल जी हमारे बीच नहीं हैं, ये बात मानने को हमारा मन तैयार नहीं होता है। शायद ही कोई ऐसी घटना हुई हो कि किसी व्यक्ति का राजनितिक मंच पर आठ नौ साल तक कहीं नजर ना आना, बीमारी की वजह से सारी गतिविधियों का सार्वजनिक रूप से समाप्त हो जाना, तब भी इतने बड़े समय के बाद भी देशवासियों ने उनकी विदाई को जितना आदर-सम्मान दिया, यही उनके जीवन की सबसे बड़ी तपस्या के प्रकाश पुंज के रूप में हम अनुभव कर सकते हैं।”
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसम्बर को पीएम नरेंद्र मोदी असम में बने भारत के सबसे लंबे रेल सह सड़क सेतु का भी शुभारंभ करेंगे। ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील में बनी यह सेतु 4.94 किलोमीटर लंबी है और रणनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
बता दें कि वाजपेयी के जन्मदिन को देश भर में “सुशासन दिवस” के रूप में मनाया जाता है। भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद अटल बिहारी वाजपेयी उसके पहले अध्यक्ष बने थे और उन्होंने छः साल तक ये पद सम्भाला था। तीन बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले चुके स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का निधन इसी साल 16 अगस्त को हुआ था।