कॉन्ग्रेस के बागी G-23 ग्रुप के नेताओं की बड़ी बैठक, कहा- भाजपा के विरोध में एक मजबूत विकल्प जरूरी, 2024 के चुनाव को लेकर भी दी सलाह

गुलाम नबी आजाद, सोनिया गाँधी और कपिल सिब्बल (फाइल फोटो)

पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार के बाद कॉन्ग्रेस (Congress) में खींचतान तेज हो गई है। पार्टी का असंतुष्ट गुट G-23 एक बार फिर एक्टिव हो गया है। बुधवार (16 मार्च 2022) को G-23 ने दिल्ली में गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के घर एक बैठक की

इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर और कई अन्य नेता शामिल हुए। इस बैठक के बाद नेताओं की ओर से संयुक्त बयान जारी किया गया। इस बयान में कॉन्ग्रेस आलाकमान से अपील की गई कि वह समान विचारों वाले दलों से बात करें ताकि भाजपा के विरोध में एक विकल्प तैयार हो सके।

बयान में कहा गया, “भाजपा का विरोध करने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी को मजबूत करना जरूरी है। हम कॉन्ग्रेस पार्टी से 2024 के लिए एक विश्वसनीय विकल्प का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक मंच बनाने के लिए अन्य समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ बातचीत शुरू करने की माँग करते हैं।” बयान में यह भी कहा गया कि इस संबंध में आगे के कदमों की जल्द जानकारी दी जाएगी।

सिब्बल ने बोला गाँधी परिवार पर हमला

G-23 के प्रमुख सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि गाँधी परिवार को कॉन्ग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए। उनके इस बयान को लेकर कॉन्ग्रेस की चाँदनी चौक जिला इकाई ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित करके पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए सिब्बल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। सिब्बल चाँदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं।

‘G-23’ समूह पर पार्टी तोड़ने का आरोप

कॉन्ग्रेस के भीतर बदलाव की माँग कर रहे इस समूह पर गाँधी परिवार के नेताओं ने भी हमले तेज कर दिए हैं। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के बाद भी ‘जी 23’ समूह के नेता बार-बार बैठकें करके पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूरी कॉन्ग्रेस में कोई भी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी को कमजोर नहीं कर सकता और पार्टी के सभी लोग उनके साथ हैं। वहीं, कॉन्ग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने सिब्बल के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है। बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस की करारी हार हुई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया