राज्यसभा सीट तो गई, क्या हिमाचल में बची रहेगी कॉन्ग्रेस सरकार: BJP बोली- बजट पर ही हो बहुमत का फैसला, बागी MLA बोले- CM सुक्खू को बदलो

BJP नेता जयराम ठाकुर (बाएँ) ने कॉन्ग्रेस सरकार के अल्पमत में होने की बात कही है (चित्र साभार: Tribune India)

हिमाचल प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार संकट में है। यहाँ कल (27 फरवरी, 2024) संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के हर्ष महाजन की जीत हुई है। बताया गया है कि कई कॉन्ग्रेस विधायकों ने उनका समर्थन किया है। भाजपा ने कहा है कि राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार अब अल्पमत में है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्यपाल से मिलकर वोटों के बंटवारे की माँग की है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाया है।

गौरतलब है कि राज्य में कल सम्पन्न हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के हर्ष महाजन ने कॉन्ग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया। हर्ष महाजन को भाजपा विधायकों के अलावा कॉन्ग्रेस के 6 विधायकों का समर्थन मिलने की बात कही जा रही है। भाजपा ने इसी आधार पर कहा है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली कॉन्ग्रेस सरकार अब अल्पमत में है।

इसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर आज सुबह राजभवन पहुँचे थे। उन्होंने यहाँ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिल कर विधानसभा में वित्त विधेयकों पर वोटों के बँटवारे की अनुमति ना मिलने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर भाजपा विधायकों के साथ पक्षपात करने का लगाया है।

उन्होंने कहा है कि विधानसभा के सुरक्षाकर्मियों ने भाजपा विधायकों के साथ बदसलूकी की है। उन्होंने कहा है कि कॉन्ग्रेस सरकार अब अल्पमत में है और वह बजट पास करवाने के लिए कुछ भाजपा विधायकों को निलंबित करवा सकती है।

जयराम ठाकुर ने कहा है कि कॉन्ग्रेस हिमाचल प्रदेश में सत्ता में बने रहने का अधिकार खो चुकी है। गौरतलब है हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में 68 सदस्य हैं। यहाँ बहुमत का आँकड़ा 35 है। वर्तमान में यहाँ 40 विधायक कॉन्ग्रेस, 25 भाजपा और 3 निर्दलीय हैं। हालाँकि, कल चुनाव के परिस्थितियाँ बदल गई हैं। 3 निर्दलीय और 6 कॉन्ग्रेस विधायक भाजपा के समर्थन में बताए जा रहे हैं। कल राज्यसभा चुनाव के लिए हुई वोटिंग से भी यह बात स्पष्ट हो गई। भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन और कॉन्ग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी, दोनों को 34-34 वोट मिले।

इसके बाद दोनों में नतीजे के लिए पर्ची निकाली गई, जिसमें हर्ष महाजन जीते। इन सब बदलावों के बाद सुक्खू सरकार संकट में है। वर्तमान में हिमाचल विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। भाजपा की माँग है कि इस दौरान पेश किए गए वोट विधेयकों पर विधानसभा के भीतर वोटों का स्पष्ट बँटवारा किया जाए। गौरतलब है कि यदि कोई सरकार अपने वित्त विधेयकों को सदन में पास करवाने में विफल होती है तो यह विश्वास मत खोने का सूचक माना जाता है।

बताया जा रहा है कि जिन 6 कॉन्ग्रेस विधायकों ने कल के चुनाव में भाजपा उमीदवार को वोट दिया, वह शिमला से हरियाणा के लिए निकल गए। इसके अलावा बड़ी संख्या में विधायक CM सुक्खू से नाराज बताए जा रहे हैं। यह विधायक CM सुक्खू की कार्यशैली से नाराज बताए जा रहे हैं। दूसरी तरफ अब कॉन्ग्रेस भी बचाव मोड में आ गई है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को यहाँ नाराज विधायकों को मनाने के लिए भेजा गया है।

बताया जा रहा है कि नाराज विधायकों का कहना है कि वह तभी वापस आने के विषय में सोचेंगे जब CM सुक्खू को आलाकमान हटा दे। सुखविंदर सिंह सुक्खू 14 माह पहले दिसम्बर 2022 में राज्य चुनाव में कॉन्ग्रेस की जीत के बाद आलाकमान के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बने थे। उनके साथ ही मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। सुक्खू के सीएम बनाए जाने को लेकर लम्बे समय से सब कुछ ठीक ना होने की खबरें आ रही थीं। उनसे दूसरे धड़े नाराज बताए जा रहे थे।

राज्यसभा चुनाव में हुई हार ने अब कॉन्ग्रेस के अंदर की दरार को जाहिर कर दिया और उत्तर भारत में उसकी अकेली सरकार पर भी संकट ला दिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया