सुप्रिया श्रीनेत की जुबान पर चुनाव आयोग ने चलाई कैंची, कहा- बोलने से पहले ध्यान रखो: कंगना रनौत को टिकट मिलने पर पूछ रही थी ‘भाव’

कंगना रनौत और सुप्रिया श्रीनेत (फोटो साभार: द हंस इंडिया और हिंदुस्तान टाइम्स)

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कॉन्ग्रेस महिला प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को चुनाव आयोग द्वारा फटकार लगाई गई है। आयोग ने उन्हें आगे से उनके बयानों को लेकर सावधान रहने को कहा है।

सुप्रिया श्रीनेत के साथ बंगाल में भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष पर भी चुनाव आयोग सख्त हुआ। दोनों पार्टियों के नेताओं को निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन करने को दोषी माना है। उन्हें कहा गया है भविष्य में बयानबाजी करतते हुए ये लोग थोड़ सतर्क रहें।

इससे पहले कॉन्ग्रेस की महिला नेता सुप्रिया श्रीनेत के बयान और दिलीप घोष के बयान पर नोटिस जारी करके उनसे जवाब माँगा गया था। दोनों नेताओं ने अपने जवाब में स्वीकार किया कि उन्होंने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए निजी हमले किए। जवाब पाने के बाद निर्वाचन आयोग ने इन्हें चेतावनी दी कि आगे से ऐसे बयान न दिए जाएँ।

आयोग ने कहा, “वह आश्वस्त है कि दोनों नेताओं ने निम्न स्तर का व्यक्तिगत हमला किया और यह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन है। उन्हें आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है। आयोग द्वारा सोमवार से इन दोनों नेताओं के चुनाव संबंधी संवाद पर विशेष और अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी।”

आयोग ने अपने चेतावनी नोटिस की कॉपी पार्टी के अध्यक्षों को भी भेज दी है ताकि वे भी अपनी पार्टी के नेताओं को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और आपत्तिजनक बयानबाजी को लेकर आगाह कर सकें।

गौरतलब है कि सुप्रिया श्रीनेत के इंस्टा अकॉउंट से कंगना रनौत की फोटो शेयर करके उसपर अभद्र टिप्पणी की गई थी। इसमें कहा गया था कि मंडी में भाव क्या चल रहा है। इसके बाद इस मामले में बहुत बवाल हुआ और शिकायत चुनाव आयोग तक पहुँची। इस बीच सुप्रिया ने भी एक वीडियो डालकर इस पर सफाई दी। हालाँकि इससे फायदा कुछ नहीं हुआ।

वहीं दिलीप घोष ने भी ममता बनर्जी के लिए कहा था- “जब दीदी गोवा जाती हैं तो वह गोवा की बेटी बन जाती हैं, त्रिपुरा में वह कहती हैं मैं त्रिपुरा की बेटी हूँ। तय करें कि आपका पिता कौन है। ये ठीक बात नहीं है।” जिसके कारण दोनों नेताओं को नोटिस जारी हुआ था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया