‘क़ातिल’ वाले बयान के साथ ‘BJP के स्टार प्रचारक’ मणिशंकर अय्यर की शाहीन बाग़ में दमदार वापसी

मणिशंकर अय्यर मीडिया का सवालों को टालते हुए पलट कर निकल गए

कॉन्ग्रेस की तरफ़ से बयान देकर भाजपा के ‘स्टार कैम्पेनर’ का किरदार निभाने वाले मणिशंकर अय्यर की दमदार वापसी हुई है। विवादित बयानों के मसीहा और अजीबोगरीब हरकतें करके सुर्खियाँ बटोरने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अय्यर ने मंगलवार (जनवरी 14, 2020) को शाहीन बाग़ पहुँच कर सीएए के ख़िलाफ़ धरना प्रदर्शन के लिए बैठे लोगों को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा- “देखते हैं कि किसका हाथ ज़्यादा मजबूत है, हमारा या फिर उस कातिल का?”

बता दें कि मंगलवार को अय्यर शाहीन बाग़ पहुँचे और इसी दिन दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहाँ से हटाने का काम शुरू किया। हालाँकि, पुलिस अभी लोगों को शांतिपूर्वक समझा रही है लेकिन वो मान नहीं रहे हैं। स्थानीय लोगों को इन प्रदर्शनकारियों के कारण ख़ासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और बच्चों को स्कूल आने-जाने में कई अतिरिक्त घंटे लग रहे हैं। ऐसे में, हाईकोर्ट ने पुलिस से जनहित में क़ानून-व्यवस्था बहाल करने को कहा है।

मणिशंकर अय्यर ने कातिल किसे कहा, ये अभी भी चर्चा का विषय है। जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो वो टाल गए। अय्यर ने कहा कि शाहीन बाग़ में धरना प्रदर्शन पर बैठे लोग काफ़ी बहादुरी का काम कर रहे हैं और वो बस उनलोगों को सम्मान देने आए हैं। अय्यर ने कहा कि इतनी ठण्ड में भी महिलाएँ वहाँ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, ये काबिले तारीफ है। आरोप है कि अय्यर ने वहाँ लोगों को भड़काने के लिए ‘कातिल’ वाले बयान का प्रयोग किया।

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मणिशंकर अय्यर से जब पूछा गया कि वो कॉन्ग्रेस की तरफ़ से विरोध प्रदर्शन में पहुँचे हैं या फिर व्यक्तिगत रूप से तो उन्होंने कहा कि पार्टी प्रवक्ता से इस बारे में सवाल किया जाना चाहिए। ऐसे में अंदेशा जताया गया है कि कॉन्ग्रेस ने अय्यर को भेज कर शाहीन बाग़ में अराजकता फैलाने वाले लोगों का समर्थन किया है। मीडिया में ये भी कहा जा रहा है कि अगर वो व्यक्तिगत रूप से आए हैं तो हो सकता है कि वो कॉन्ग्रेस के नियंत्रण से ही बाहर निकल गए हैं।

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कॉन्ग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर जब भी कोई बयान देते हैं या फिर कोई अजीबोगरीब हरकतें करते हैं, उसका फ़ायदा भाजपा को ही मिलता है। शायद यही कारण है कि पार्टी उन्हें एकांतवास में रखती है। लेकिन वो अचानक से बीच-बीच में निकल आते हैं और अपनी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा देते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया