कॉन्ग्रेस ने हार का बकरा किया तय, सिद्धू सहित पाँचों राज्य के अध्यक्ष से सोनिया गाँधी ने माँगा इस्तीफा

सिद्धू सहित पाँचों राज्य के अध्यक्ष से सोनिया गाँधी ने माँगा इस्तीफा

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में कॉन्ग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी एक्शन मोड़ में है। कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने पाँचों राज्यों के कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा माँगा है।

कॉन्ग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्षों से पीसीसी के पुनर्गठन की सुविधा के लिए इस्तीफा देने को कहा है।

बता दें कि मौजूदा समय में पंजाब में अध्यक्ष पद की नवजोत सिंह सिद्धू सँभाल रहे हैं तो वहीं यूपी में अजय कुमार लल्लू पीसीसी प्रमुख हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में गणेश गोदियाल के पास प्रदेश कॉन्ग्रेस की कमान है तो वहीं गोवा में गिरीश चोडनकर पीसीसी अध्यक्ष थे, जिन्होंने गोवा में कॉन्ग्रेस की हार के बाद ही अपना पद छोड़ दिया था। अभी वर्तमान में पाँचवे राज्य मणिपुर नमेईरकपैम लोकेन सिंह प्रदेश अध्यक्ष पद पर हैं।

पार्टी हाईकमान के कहने पर कॉन्ग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने हार के बाद सभी प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा देने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने रविवार (13 मार्च, 2022) को कॉन्ग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में कहा था, “हम पार्टी के हित में किसी भी त्याग के लिए तैयार हैं. इसके बाद सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने उनके नेतृत्व में भरोसा जताते हुए उनसे आग्रह किया कि संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने तक वह पद पर बनी रहें।”

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने सोनिया गाँधी से यह भी कहा था कि वह कॉन्ग्रेस को मजबूत बनाने के लिए जरूरी बदलाव करते हुए सुधारात्मक कदम उठाएँ। CWC की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि संसद का बजट सत्र संपन्न होने के तत्काल बाद एक ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया जाएगा जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने प्रदेश में ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन करने का प्रस्ताव भी दे दिया था। वहीं बताया जा रहा है कि ‘चिंतन शिविर’ से पहले सीडब्ल्यूसी की एक और बैठक होगी। सीडब्ल्यूसी की बैठक में ‘जी 23’ के तीन नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक भी शामिल हैं। वहीं बाकी नेताओं का इससे बाहर रखा गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया