उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनाव के लिए कॉन्ग्रेस (Congress) पार्टी ने घोषणा-पत्र (Election Manifesto) जारी कर दिया है। राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी (Rahul Gandhi And Priyanka Gandhi) द्वारा जारी इस घोषणा-पत्र में पार्टी ने 8 सूत्रीय एजेंडा सेट किया है और इसे ‘भर्ती विधान’ नाम दिया है। इस दौरान प्रियंका गाँधी ने कहा कि प्रदेश में भर्ती सबसे बड़ी समस्या है, इसलिए अपने घोषणा-पत्र को भर्ती विधान नाम दिया है।
प्रियंका गाँधी ने कहा, “हम प्रदेश के 20 लाख युवाओं को नौकरियाँ देंगे, जिनमें से 8 लाख नौकरियाँ आरक्षण के तहत महिलाओं को दी जाएँगी।” उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने आम लोगों से बातचीत कर इस घोषणा-पत्र को तैयार किया है। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में धाँधली से लोग परेशान हैं। घोषणापत्र में एक अलग से सेक्शन बनाया गया है, जो युवाओं के भविष्य निर्माण का कार्य करेगा।
प्रियंका गाँधी ने कहा कि कुछ सालों से प्रदेश के विश्वविद्यालयों में चुनाव नहीं हो रहे हैं, जिससे युवाओं को मौका नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने घोषणा-पत्र को प्रदेश के 7 करोड़ युवाओं की आकांक्षाओं का दस्तावेज बताया। वहीं, राहुल गाँधी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में लगने वाले शुल्क को खत्म करने का वादा किया है।
वीडियो के 38वें मिनट में कॉन्ग्रेस के सीएम फेस को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रियंका गाँधी ने कहा, “आपको किसी और का चेहरा दिख रहा है?” उन्होंने कहा कि ‘हर तरफ मेरा चेहरा दिख रहा है।’ इस दौरान उन्होंने तौकीर रजा के बयान से भी किनारा कर लिया। प्रियंका गाँधी ने कहा कि हमारी विचारधारा अलग है। तौकीर रजा कॉन्ग्रेस पार्टी में नहीं हैं।
पत्रकारों ने कॉन्ग्रेस महासचिव से सवाल किया कि वो केवल यूपी में महिलाओं की बात करती हैं, बाकी राज्यों में इस पर बात क्यों नहीं करती हैं? इस पर प्रियंका गाँधी ने गोलमोल जवाब दिया और कहा कि वो केवल यूपी की प्रभारी हैं।
रोजगार पर राहुल का ज्ञान
वीडियो के 31वें मिनट के दौरान राहुल गाँधी ने रोजगार के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि रोजगार दो तरह के होते हैं सरकारी और प्राइवेट सेक्टर। राहुल गाँधी ये बताने की बजाय कि रोजगार कैसे मिलेगा? उन्होंने कॉन्ग्रेस शासित राज्यों का हवाला दिया और कहा, “वहाँ आप देख सकते हैं कि हम वादा करते हैं और सरकारी नौकरियाँ देते हैं।”
प्राइवेट सेक्टर पर उन्होंने कहा कि ये छोटे सेक्टर से आता है, जिसे मोदी सरकार खत्म करने में लगी है। जबकि, छोटे कारोबारियों, दुकानदारों को बढ़ावा देने के लिए ही मोदी सरकार ने मुद्रा लोन और स्टार्टअप्स योजना की शुरुआत की थी, जिसके जरिए युवा भी अपने कारोबार की शुरुआत कर सकते हैं।