‘घुसपैठिया’ कहने पर अफगान सिख ने केजरीवाल को लताड़ा, गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष बोले- हम कागजों पर आए हैं, CAA से दूर होगी समस्या

CM केजरीवाल (दाएँ) को अफगान सिख एस प्रताप सिंह (बाएँ) ने जवाब दिया है (चित्र साभार: ANI & India Today)

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को बड़े स्तर पर समर्थन मिल रहा है। इसकी आलोचना करने वालों को, इस कानून के लाभार्थी हिन्दू-सिख अपने आप ही जवाब दे रहे हैं।

इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पाकिस्तान-अफगानिस्तान के हिन्दू-सिखों पर दिए गए बयान का अफगानिस्तान में प्रताड़ित सिख ने जवाब दिया है। दिल्ली के गुरुद्वारा श्री अर्जन देब सिंह जी की प्रबन्धक समिति के अध्यक्ष और अफगानिस्तान से आए शरणार्थी सिख एस प्रताप सिंह ने कहा, “हम अफगानिस्तान से हैं। जब से वहां 1990 में सरकारें बदलना चालू हुईं तो हम यहाँ (भारत) आ गए। हम हिन्दू-सिख अटारी सीमा से भारत में आए थे।”

उन्होंने बताया, “इसके हमने रहने की जगह और कामकाज की जगह की तलाश की। हमारे पास तब कोई राष्ट्रीय नागरिकता नहीं थी। अफगानिस्तान में हमें भारतीय और भारत में हमें अफगानी माना जाना था। लेकिन हम लोग तो भारतीय हैं, जब देश का विभाजन हुआ उससे पहले तो हम अफगानी थे। यहाँ रहने वाले अफगानी सिख बच्चों के पास कोई कागज नहीं था। नए CAA कानून के अंतर्गत हमें नागरिकता मिलेगी और हमारे कागज बन सकेंगे जिससे सुविधा होगी। इसके लिए हम पीएम मोदी समेत सभी लोगों का शुक्रिया करते हैं।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि हिन्दुओं और सिखों के लिए दुनिया में केवल भारत ही एक शरणस्थली है। यही देश उनका शुरू से है और आगे भी रहेगा। उन्होंने बताया कि अब उन्हें पूरी तरीके से नागरिकता मिलने के बाद कोई समस्या नहीं होगी।

CM केजरीवाल के बयानों पर उन्होंने कहा, “हम वैध तरीके से यहाँ रह रहे हैं। 1991 से लेकर 2014 तक हमने देश से कुछ नहीं माँगा। जो लोग पहले से ही भारत में रहा रहे हैं, उनके पास काम धंधा है।” उन्होंने सभी से इस नागरिकता कानून का समर्थन करने की अपील भी की।

CAA को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल लगातार हमले कर रहे हैं। उन्होंने एक बयान में कहा था कि भारत सरकार पाकिस्तानियों को भारत में बसा रही है जिससे यहाँ के लोगों की नौकरियाँ जाएँगी। जब इन शरणार्थियों ने CM केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया था तो उन्होंने इन लोगों को पाकिस्तानी कह कर इनका अपमान किया था। केजरीवाल ने इन शरणार्थियों को अवैध तरीके से घुसे घुसपैठिये बताया था और इन्हें जेल में डालने की बात की थी। इस पर उनका कड़ा विरोध हुआ था।

गौरलतब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने CAA कानून को देश भर में लागू कर दिया है। इसके अंतर्गत वर्ष 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता के देने का प्रावधान है। इसके लिए केंद्र सरकार ने वेबसाइट और मोबाइल एप भी लॉन्च किया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया