क्या दिल्ली में अब फ्री नहीं मिलेगी बिजली? 10% तक एक्स्ट्रा चार्ज का ठीकरा AAP ने केंद्र पर फोड़ा, BJP बोली- यह केजरीवाल सरकार और कंपनियों की मिलीभगत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो, साभार: जी न्यूज)

दिल्ली में बिजली महंगी हो गई है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) ने बिजली कंपनियों को इसकी इजाजत दे दी है। AAP ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं बीजेपी ने इसे बिजली कंपनियों और केजरीवाल सरकार के बीच मिलीभगत का परिणाम बताया है।

दिल्ली में बिजली वितरण की जिम्मेदारी BSES यमुना पावर लिमिटेड (BYPL), BSES राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL), नई दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (NDMC) और टाटा पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDL) के पास है। 10 प्रतिशत तक एक्स्ट्रा चार्ज लेने की जो इजाजत मिली है उससे टाटा पावर के उपभोक्ता बेअसर रहेंगे। BYPL के उपभोक्ताओं पर 9.42%, BRPL के उपभोक्ताओं पर 6.39% और NDMC के उपभोक्ताओं पर 2% अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा।

दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा है कि 200 यूनिट तक फ्री बिजली वाली स्कीम अब भी जारी रहेगी। यानी जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल जीरो आ रहा था उन पर भी इस फैसले का बोझ नहीं पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार हर महीने 200 यूनिट बिजली की खपत पर 100 प्रतिशत और 201 से 400 यूनिट मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी देती है।

आतिशी मार्लेना ने बिजली की बढ़ी हुई कीमतों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा, “दिल्ली में बिजली की कीमत बढ़ रही है तो इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार है। केंद्र सरकार के मिस मैनेजमेंट की वजह से देश में कोयले की कीमत बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने कहा है कि कोयला खरीदने वाली कंपनियों को 10 प्रतिशत विदेशी कोयला भी खरीदना होगा। विदेशी कोयले की कीमत भारत के कोयले से करीब 10 गुना अधिक है।”

बिजली की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने AAP और बिजली कंपनियों के बीच मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा है, “दिल्ली में बिजली महँगी हो गई है। यह सब दिल्ली सरकार और बिजली कंपनियों की मिलीभगत से हो रहा है। दिल्ली सरकार कह रही है कि यह हर गर्मी में होता है। उपभोक्ताओं को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हर तिमाही में बढ़ जाते हैं फिर घट जाते हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने जून 2022 में पॉवर परचेज एग्रीमेंट 16% से बढ़ाकर 22% कर दिया और वह आज तक है। अब 22% से 29% कर रहे हैं। यह दिल्ली की जनता की मेहनत की कमाई पर सीधा हमला है।”

वहीं, कॉन्ग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि हाथ के दाँत दिखाने और खाने के अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा, “केजरीवाल सरकार ने कहा था कि आम आदमी को हम सस्ती बिजली मुहैया कराएँगे। लेकिन अब हाथ खड़े कर दिए। सरकार का यह कहना कि यह नियमित प्रक्रिया है, गले के नीचे नहीं उतर रहा। मैं सीएम केजरीवाल से अनुरोध करूँगा कि इसे स्वीकार न करें। दिल्ली की आम जनता को खासतौर से वेतनभोगी, छोटे और गरीब लोगों पर जो बोझ बढ़ेगा उनको ध्यान में रखते हुए सरकार ये बढ़ोतरी स्वीकार न करे। बिजली की कीमतें वही रहने दें।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया