दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को वोट डाले गए। सुबह से ही मतदान की गति धीमी रही। करीब 58 फीसदी लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया। यह 1998 के विधानसभा चुनावों के 48.99 फीसदी से तो अधिक हैं, लेकिन 2015 के विधानसभा चुनावों में पड़े 67.13 फीसदी वोट से काफी कम हैं। दिल्ली में अब तक हुए विधानसभा चुनावों में सबसे कम वोट 1998 में और सबसे ज्यादा 2015 में पड़े थे।
वहीं, एग्जिट पोल के अनुमानों के मुताबिक आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली की सत्ता में वापसी करती दिख रही है। बीजेपी का प्रदर्शन 2015 के मुकाबले सुधरा है, लेकिन वह बहुमत के करीब पहुॅंचती नहीं दिख रही। वहीं, कॉन्ग्रेस के एक बार फिर से खाता नहीं खुलने के आसार हैं।
टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल के मुताबिक आप को 44 और बीजेपी को 26 सीटें मिल सकती है। न्यूजएक्स-पोलस्टार्ट ने आप को 56 और बीजेपी को 14 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। इंडिया न्यूज नेशन के मुताबिक आप को 55, बीजेपी को 14 और कॉन्ग्रेस को एक सीट मिल सकती है। रिपब्लिक और जन की बात के एग्जिट पोल के मुताबिक, आपा को 48-61, बीजेपी को 9-21 और कॉन्ग्रेस को 0-1 सीटें मिलने का अनुमान है।
एबीपी न्यूज-सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, आप को 56, बीजेपी को 12 और कॉन्ग्रेस को 2 सीटें मिलने का अनुमान है। सुदर्शन न्यूज के एग्जिट पोल के मुताबिक, आप को 42, बीजेपी को 26 और कॉन्ग्रेस को दो सीटें मिल सकती है। एनडीटीवी के पोल ऑफ एग्जिट पोल्स के मुताबिक, आप को 52, बीजेपी को 17 और कॉन्ग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान है। टीवी9-सिसरो’ के एग्जिट पोल के अनुसार आप को 54, बीजेपी 15 और कॉन्ग्रेस को को एक सीट मिलने के आसार हैं। मतगणना 11 फरवरी को होगी।
बहुमत का आँकड़ा 36 है। 2015 के चुनाव में आप को 67 और बीजेपी को 3 सीटें मिली थी। कॉन्ग्रेस खाता खोलने में नाकाम रही थी। अधिकांश एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 45 से अधिक सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। वैसे कम मतदान ने बड़े वोटर टर्नआउट की बात कर रहे पोलिटिकल पंडितों के लिए चुनावी हार-जीत का गुना-भाग करना कठिन कर दिया है। रविन्द केजरीवाल और मनोज तिवारी के बीच हनुमान जी को लेकर हुई नोकझोंक भी चर्चा का विषय रही। अब सभी मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल्स के रुझान आने शुरू हो गए हैं।