कृषि पर हर साल ₹6.5 लाख करोड़ खर्च, सालाना ₹50 हजार की गारंटी: 9 साल में किसानों को जो कुछ दिया, PM मोदी ने सहकारिता सम्मेलन में गिनाया

सहकारिता सम्मेलन को संबोधित करते पीएम मोदी (फोटो साभारः @BJP4India का ट्विटर अकाउंट)

दिल्ली के प्रगति मैदान में 17वीं भारतीय सहकारी काॅन्ग्रेस (Indian Cooperative Congress) का आयोजन हुआ। शनिवार (1 जुलाई 2023) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (PM Narendra Modi) और केंद्रीय सहकारिकता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने नौ साल पहले देश के किसानों की स्थिति का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे उनकी सरकार ने बिचैलियों और फर्जीवाड़ों को समाप्त किया। पीएम किसान सम्मान निधि का हवाले देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने करोड़ों किसानों को सालाना आय की गारंटी प्रदान की है।

पीएम मोदी ने सहकारिता मंत्रालय बनाने का जिक्र करते हुआ कहा, “विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमने सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया। इसके लिए हमने पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया और अलग बजट का प्रावधान किया। सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। हमारी सरकार ने सहकारी बैंकों को भी मजबूती दी है।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा है, “2014 से पहले किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है। थोड़ी बहुत मदद जो मिलती भी थी वो बिचौलियों के खातों में जाती थी। सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे और मध्यम किसान वंचित ही रहते थे। लेकिन बीते 9 वर्षों में यह स्थिति पूरी तरह बदल गई। आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है। कोई बिचौलिया और फर्जी लाभार्थी नहीं है।”

पीएम ने बताया, “पीएम किसान सम्मान निधि से बीते 4 सालों में 2.5 लाख करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे गए हैं। यह रकम कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगाया जा सकता है कि 2014 से पहले के 5 वर्षों का कुल कृषि बजट मिलाकर 90 हजार करोड़ रुपए से भी कम था। यानी तब पूरे देश की कृषि व्यवस्था पर जितना खर्च हो रहा था, उसका लगभग 3 गुना हम केवल किसान सम्मान निधि पर खर्च कर चुके हैं। सरकार के जितने भी मिशन हैं, उनको सफल बनाने में मुझे सहकारिता के सामर्थ्य में कोई संदेह नहीं है। सहकारिता ने आजादी के आंदोलन में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

प्रधानमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के मुद्दे पर कहा है कि किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत मिले इसको लेकर उनकी सरकार शुरुआत से ही गंभीर रही है। पिछले 9 साल में MSP को बढ़ाने तथा MSP पर खरीदी कर 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि किसानों को दी गई है। आज हर वर्ष केंद्र सरकार साढ़े 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक खेती और किसानों पर खर्च कर रही है। इसका मतलब है कि सरकार हर साल प्रत्येक किसान तक औसतन 50 हजार रुपए किसी न किसी रूप में पहुँचा रही है। भाजपा सरकार में किसानों को अलग-अलग तरह से हर साल 50 हजार रुपए मिलने की गारंटी है।

वहीं, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सहकारिता आंदोलन हमारे देश में लगभग 115 वर्ष पुराना है। आजादी के बाद से सहकारिता क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की प्रमुख माँग थी कि अलग मंत्रालय अलग बनाया जाए। अलग मंत्रालय बनने से सहकारी के क्षेत्र में बहुत सारे परिवर्तन संभव हुए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया