‘घनघोर हिंदू’ दिखने के कारण डीके शिवकुमार नहीं बने CM: मीडिया ने बताए कारण, मुस्लिम वोट बैंक के लिए कॉन्ग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया को चुना

हिंदुवादी दिखने के कारण कटा शिवकुमार का पत्ता? (फोटो साभार: @DKShivakumar)

20 मई 2023 को सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री (Karnataka CM) पद की शपथ लेंगे। कर्नाटक कॉन्ग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) डिप्टी सीएम होंगे। सीएम के रेस में शिवकुमार के पिछड़ने की कई वजहें बताई जा रही है। इनमें से एक उनका ‘घनघोर हिंदू’ दिखना भी बताया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार अगले लोकसभा चुनावों से पहले मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए कॉन्ग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया (Siddaramaiah) को उन पर वरीयता दी है।

इकोनॉमिक्स टाइम्स ने ‘कॉन्ग्रेस आलाकमान द्वारा सिद्धारमैया को कर्नाटक का मुख्यमंत्री चुनने के 5 कारण (Five reasons why Congress high command picked Siddaramaiah as Karnataka CM) शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें जो दूसरा कारण बताया गया है, वह बेहद दिलचस्प है। इसमें कहा गया है कि वामपंथी पृष्ठभूमि से आने वाले सिद्धारमैया को आरएसएस और बीजेपी के ‘कट्टर’ वैचारिक विरोधी के तौर पर देखा जाता है। इसके उलट दक्षिणपंथी समूहों को लेकर शिवकुमार की ऐसी छवि नहीं है। वे एक ऐसे हिंदू के तौर पर देखे जाते हैं जो अपना धार्मिक झुकाव छिपाने की कोशिश नहीं करते। अक्सर धार्मिक स्थलों पर जाते रहते हैं।

ऊपर आप ET की रिपोर्ट का वह हिस्सा देख सकते हैं। इसमें कहा गया है कि कर्नाटक का मौजूदा राजनीतिक माहौल स्पष्ट ध्रुवीकरण दिखाता है। यदि ऐसा नहीं होता तो शिवकुमार की यह हिंदुवादी छवि उनके लिए कोई समस्या नहीं होती। रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा चुनावों में जेडीएस के मुस्लिम वोटरों ने भी कॉन्ग्रेस का समर्थन किया है। कई लोगों का मानना है कि यह कॉन्ग्रेस के पक्ष में मुस्लिम वोट बैंक के अधिक मजबूती से खड़े होने के संकेत हैं। अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले यह ध्रुवीकरण और गहरा हो सकता है। इसे देखते हुए आलाकमान ने एक ऐसे व्यक्ति को चुना जो वैचारिक तौर पर बीजेपी-आरएसएस का विरोधी है और जो मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट करने के पार्टी के एजेंडे को दृढ़ता से आगे बढ़ा सकता है।

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान कॉन्ग्रेस की जीत पर शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की प्रबल संभावना जताई जा रही थी। उनकी दावेदारी कितनी मजबूत थी इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि कर्नाटक चुनाव के नतीजे 13 मई 2023 को ही आ गए थे। 224 सदस्यीय विधानसभा में कॉन्ग्रेस को 135 सीटें भी मिल गई। लेकिन मुख्यमंत्री का नाम 18 मई को जाकर फाइनल हुआ। उससे पहले शिवकुमार और सिद्धारमैया के साथ कई बार पार्टी आलाकमान की बैठकें हुई।

वैसे सिद्धारमैया को सीएम बनाने के फैसले पर पार्टी के भीतर अभी से ही असंतोष दिखने लगा है। कॉन्ग्रेस सांसद और शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने कहा है कि वे इस फैसले से पूरी तरह खुश नहीं हैं। जी परमेश्वर जैसे नेता खुद को डिप्टी सीएम भी नहीं बनाए जाने पर नाखुशी जता चुके हैं। इसके अलावा कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने भी मुस्लिम डिप्टी सीएम और गृह, स्वास्थ्य तथा शिक्षा जैसे 5 महत्वपूर्ण मंत्रालय मुस्लिमों के लिए माँग चुका है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया