वाजपेयी को भी लगता था वो अजेय हैं, मोदी को भी हराएँगे: सोनिया गाँधी

सोनिया गाँधी ने 2004 के आम चुनाव की दिलाई याद

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने रायबरेली से पाँचवी बार नामांकन दायर करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी लगता था कि वो अजेय हैं लेकिन 2004 में हमने उन्हें हरा दिया। सोनिया गाँधी ने कहा कि ठीक उसी तरह नरेंद्र मोदी को भी हरा दिया जाएगा। सोनिया ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी अजेय नहीं हैं। उन्होंने पत्रकारों को 2004 आम चुनाव की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय वाजपेयी की जीतने की ख़ूब चर्चाएँ थी लेकिन हुआ इसके ठीक उलटा। नामांकन पर निकलने से पहले पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय में हवन-पूजन भी किया।

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सोनिया गाँधी ने इससे पहले 2004, 2006, 2009 और 2014 में रायबरेली से जीत दर्ज की थी। 2004 में उन्होंने सपा के उम्मीदवार को क़रीब ढाई लाख मतों से हराया था। 2006 उपचुनाव में उन्होंने सपा के उम्मीदवार को सवा चार लाख से भी अधिक मतों के अंतर से मात दी थी। 2009 में सोनिया गाँधी ने बसपा उम्मीदवार को 2,72,000 से भी अधिक मतों से हराया था। पिछ्ले आम चुनाव में मोदी लहर के बावजूद सोनिया अपना गढ़ बचाने में क़ामयाब रही थीं। सवा पाँच लाख से भी अधिक मत पाकर सोनिया ने 2014 में भाजपा उम्मीदवार को साढ़े तीन लाख मतों के अंतर से हराया था। इससे पहले फ़िरोज़ गाँधी और इंदिरा गाँधी भी रायबरेली से सांसद पहुँच चुके हैं।

सोनिया गाँधी ने नामांकन से पहले कलेक्ट्रेट तक रोड शो भी किया। इस दौरान उनके साथ राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी भी उपस्थित रहे। बुधवार (अप्रैल 10, 2019) को अमेठी में राहुल गाँधी के नामांकन में हिस्सा लेने के बाद भुएमऊ स्थित गेस्ट हाउस पहुँची। सोनिया आज गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे पार्टी के केंद्रीय कार्यालय पहुँची। वहाँ हवन के बाद रोड शो शुरू किया गया। इस दौरान राहुल ने भी कहा कि भारतीय इतिहास में ऐसे कई लोग हुए हैं जो ख़ुद को अपराजेय मानते थे लेकिन अंततः उनकी हार हुई।

सोनिया गाँधी अपना नामांकन दाखिल करने के बाद दिवंगत मौलाना अली मियाँ के घर गईं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में भी हिस्सा लिया। रायबरेली में पाँचवे चरण के तहत 6 मई को मतदान होना है और सोनिया गाँधी का मुक़ाबला भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह से है। सपा और बसपा महागठबंधन ने रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवार नहीं उतारा है। दिनेश प्रताप भी कॉन्ग्रेस के नेता रहे हैं लेकिन पिछले वर्ष उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था।

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अमर उजाला में प्रकाशित एक ख़बर के अनुसार, सोनिया का क़ाफ़िला रोड शो के दौरान रास्ता ही भटक गया था, इससे जाम लग गया। ऐन वक्त पर अधिकारियों ने स्थिति को संभाला। राहुल गाँधी ने इस दौरान चौकीदार और चोर वाले नारे को फिर से दोहराया। उन्होंने कहा कि मोदी ने ग़रीबों का रुपया उद्योगपतियों को दे दिया। वहीं अगर रायबरेली सीट की बात करें तो अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों और तीन उपचुनावों में कॉन्ग्रेस ने यहाँ से 16 बार जीत दर्ज की है। 1977 में भारतीय लोकदल और 1996, 1998 में भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। रायबरेली के अंदर 5 विधानसभा सीटें आती है जिनमें कॉन्ग्रेस और भाजपा के पास दो-दो सीटें हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया