कॉन्ग्रेस को बड़ा झटका: राफेल के विज्ञापन पर चला EC का हथौड़ा, दिग्विजय सिंह को भेजा नोटिस

चुनाव आयोग ने कॉन्ग्रेस के राफेल विज्ञापन को अनुमति नहीं दी

मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस पार्टी ने राफेल से जुड़े विज्ञापन को चुनाव आयोग के पास अनुमति के लिए भेजा था, जिसे आयोग ने अस्वीकार कर दिया। चुनाव आयोग ने कॉन्ग्रेस को साफ़-साफ़ कहा कि चूँकि यह मामला कोर्ट में है, राफेल के विज्ञापन का प्रयोग करना उचित नहीं होगा। लोकसभा चुनावों के ऐलान के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है और चुनाव आयोग इस बार किसी भी गड़बड़ी को लेकर सख़्त नज़र आ रहा है। कई राज्यों में छापों के कारण बड़ी मात्रा में नकदी और प्रलोभन सामग्रियाँ भी ज़ब्त की गई हैं। इनका इस्तेमाल वोटरों को लुभाने के लिए किया जाने वाला था। मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस ने चुनाव आयोग के पास कुल 9 विज्ञापनों को अनुमति के लिए भेजा था, जिनमें से 6 पर आपत्ति जताई गई है।

मध्य प्रदेश चुनाव आयोग के अध्यक्ष वीएलके राव ने कहा कि अगर आयोग के आदेश से किसी को आपत्ति है, तो वो आगे अपील कर सकता है। बता दें कि कॉन्ग्रेस राफेल को लेकर काफ़ी सख़्त नज़र आ रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राफेल मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट के बावजूद कॉन्ग्रेस पार्टी इस मामले को उठाती रही है। कैग ने भी मामले में केंद्र सरकार को क्लिन चिट दिया था। कैग के अनुसार, वर्तमान डील यूपीए सरकार द्वारा नेगोशिएट की जा रही डील से सस्ती है। राफेल को लेकर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी पीएम मोदी के बारे में ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया है, जिसे उनके हर भाषण में सुना जा सकता है।

चुनाव आयोग पूरी निष्पक्षता से कार्य कर रहा है। भाजपा द्वारा ट्रेनों में ‘मैं भी चौकीदार’ कार्यक्रम चलाए जाने पर भी चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई थी। इस मामले में आयोग ने रेलवे के अधिकारियों तक पर कार्रवाई करने की बात कही थी। उधर अप्रैल में चुनाव से पहले रिलीज के लिए तैयार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक को लेकर चुनाव आयोग ने हरी झंडी दिखा दी है। विवेक ओबेरॉय अभिनीत इस फ़िल्म में प्रधानमंत्री की ज़िंदगी को उकेरा गया है। चुनाव आयोग ने कहा कि चूँकि सेंसर बोर्ड फ़िल्म को हरी झंडी दे चुका है, आयोग ये नहीं तय कर सकता कि फ़िल्म कब रिलीज होगी।

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फ़िल्म पर रोक लगाने के लिए दिल्ली और बॉम्बे हाईकोर्ट में भी याचिकाएँ दाखिल की गई थीं लेकिन चुनाव आयोग ने साफ़ कर दिया है कि ये आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। मध्य प्रदेश में ही कॉन्ग्रेस द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन का एक और मामला सामने आया है। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा सीहोर में एक मंदिर के बाहर पैसे बाँटे जाने को लेकर चुनाव आयोग से उनकी शिकायत कर दी है। आयोग ने इस मामले में सिंह को नोटिस भी जारी कर दिया है। दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से कॉन्ग्रेस ने मैदान में उतारा है। भाजपा ने अभी इस क्षेत्र से अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है।

कॉन्ग्रेस ने नमो टीवी के प्रसारण को लेकर भी चुनाव आयोग से शिकायत की है। बता दें कि यूट्यूब से शुरू किया गया नमो टीवी अब डायरेक्ट टू होम पर भी दस्तक दे चुका है और उस पर पीएम मोदी से जुड़े कार्यक्रमों को प्रसारित किया जाता है। कॉन्ग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने इस पर आपत्ति जताई है। इंदौर जिला प्रशासन ने चुनाव आयोग से इस मामले में मार्गदर्शन भी माँगा है। कॉन्ग्रेस ने चैनल पर पार्टी विशेष के पक्ष में राजनीतिक कंटेंट प्रसारित करने का आरोप मढ़ा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया