कॉन्ग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से ED ने 2 घंटे की पूछताछ, ₹5000 करोड़ की संपत्ति गाँधी परिवार के पास जाने का है मामला

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार मल्लिकार्जुन खड़गे का पुराना वीडियो वायरल (फाइल फोटो/ साभार: India Today)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले (National Herald Case) से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग संबंधी जाँच के सिलसिले में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से सोमवार (11अप्रैल, 2022) को पूछताछ की। जाँच अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एजेंसी जाँच संबंधी कुछ पहलुओं को समझना चाहती है। इसलिए उनका बयान ‘धनशोधन रोकथाम कानून (PMLA)’ के तहत दर्ज किया जाएगा।

सुब्रमण्यन स्वामी की शिकायत पर शुरू हुई थी नेशनल हेराल्ड केस की जाँच

इस मामले में कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी भी आरोपित हैं। नेशनल हेराल्ड मामले की जाँच सुब्रमण्यन स्वामी की शिकायत पर शुरू की गई थी। उन्होंने 2012 में न्यायालय में अर्जी दायर कर कॉन्ग्रेस नेताओं पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ‘यंग इंडिया लिमिटेड’ कंपनी के अंतर्गत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण कर लिया था।

मल्लिकार्जुन खड़गे यंग इंडिया और एजीएल के पदाधिकारी रह चुके हैं, इसलिए ईडी उनसे पूछताछ कर रही है। सुब्रमण्यन स्वामी का दावा था कि यंग इंडिया लिमिटेड ने गलत तरीके से नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों का अधिग्रहण किया। सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने अपने पार्टी के पैसे से सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की कंपनी ‘यंग इंडिया’ को 90 करोड़ रुपए उधार दिए और इसके बाद उसी पैसे से गाँधी परिवार की कंपनी ‘यंग इंडिया’ ने नेशनल हेराल्ड अखबार निकालने वाली कंपनी एसोसिएट जनरल को खरीद लिया। 

ऐसे में कंपनी की करीब 5 हजार करोड़ की संपत्ति गाँधी परिवार के पास चली गई। इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने सोनिया और राहुल गाँधी, कॉन्ग्रेस महासचिव दिवंगत ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया से 12 अप्रैल तक स्वामी की याचिका पर जवाब देने को कहा है।

जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड केस

गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन 1938 में शुरू किया गया था। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस अखबार का इस्तेमाल आजादी की लड़ाई में किया। नेहरू ने 1937 में एसोसिएटेड जर्नल बनाया था, जिसके तहत 3 अखबारों का प्रकाशन किया जा रहा था। हिंदी में नवजीवन, उर्दू में कौमी आवाज और अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड। लेकिन 2008 तक एसोसिएटेड जर्नल ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। तब कंपनी पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया। 

इसके बाद कॉन्ग्रेस नेतृत्व ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई। इसमें सोनिया और राहुल गाँधी सहित मोती लाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया। नई कंपनी में सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे।

गौरतलब है कि इसी तरह, प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले दिसंबर 2018 में एसोसिएटेड जर्नल्स एंड नेशनल हेराल्ड केस के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा आवंटित मोहाली में 30 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया