सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को ED ने किया तलब, नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई

नेशनल हेराल्ड केस में ED को नहीं मिला सोनिया और राहुल गाँधी के दावे का सबूत (फाइल फोटो)

प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार (1 जून, 2022) को नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कॉन्ग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी और कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी को तलब किया है। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने सोनिया गाँधी व राहुल गाँधी को नोटिस भेजा है।

वहीं समन पर कॉन्ग्रेस पार्टी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है। नोटिस की खबर आते ही कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि सरकार उस मामले में कार्रवाई कर रही है जिसे 2015 में जाँच एजेंसी द्वारा बंद कर दिया गया था। सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है। हमें डराने के लिए ऐसा किया जा रहा है, लेकिन हम न डरेंगे और न झुकगें। डटकर इसका सामना करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कॉन्ग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा कि ममता बनर्जी, फारूक अब्दुल्ला सहित सभी विपक्षी नेता केंद्रीय एजेंसियों के हमलों में हैं। सिंघवी ने कहा, “सभी कंपनियाँ कर्ज को इक्विटी में बदलकर बैलेंस शीट में सुधार करती हैं। भाजपा राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए कठपुतली एजेंसियों का उपयोग कर रही है। नेशनल हेराल्ड का इतिहास आजादी के दिनों से है।”

सिंघवी ने कहा, “2015 में, ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले को बंद कर दिया। लेकिन सरकार को यह पसंद नहीं आया और उसने संबंधित ईडी अधिकारियों को हटा दिया, अब नए अधिकारियों को लाया और मामले को फिर से खोल दिया गया। यह मुद्रास्फीति और अन्य बड़ी समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए है।”

इससे पहले अप्रैल 2022 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के सिलसिले में कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ की थी।

गौरतलब है कि 2020 में, प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मुंबई के बांद्रा में सबसे प्रमुख संपत्तियों में से एक को कुर्क किया था। सैकड़ों करोड़ रुपए के बाजार मूल्य वाली उक्त संपत्ति को अवैध रूप से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को आवंटित किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया