एकनाथ शिंदे के बेटे के ऑफिस में शिवसैनिकों की तोड़फोड़, संजय राउत बोले – अपने बाप के नाम पर वोट माँगो, शिवसेना के बाप के नाम पर नहीं

संजय राउत ने एकनाथ शिंदे गुट से कहा कि अपने बाप के नाम पर वोट माँगो

महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी सियासी घमासान के बीच मुंबई में उद्धव समर्थक शिवसैनिकों ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे (Srikant Shinde) के ठाणे स्थित ऑफिस में तोड़फोड़ की है। हिंसा को देखते हुए मुंबई में धारा 144 लगा दी गई है। हालाँकि, बावजूद इसके उपद्रव है कि रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच शिंदे ने एक बयान जारी कर कहा है कि अगर उनके परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे जिम्मेदार होंगे।

इस बीच उद्धव ठाकरे ने भी हाई लेवल बैठक में शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि वो पहले नाथ थे, लेकिन अब दास हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बालासाहब ठाकरे का नाम लेकर कोई भी बागी विधायक राजनीति नहीं कर पाएगा। वे सभी सुलग रहे बम पर बैठे हैं।

वहीं अब महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर ने शिंदे गुट के 16 विधायकों पर एक्शन ले लिया है। डिप्टी स्पीकर ने इन विधायकों को अयोग्य करार देने का नोटिस जारी किया है। इसके अलावा जिन 16 विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया गया है, उन्हें सोमवार (27 जून) तक अपना लिखित जवाब दाखिल करना है। नोटिस में लिखा है कि विधायकों को दल-बदल कानून के आधार पर अयोग्यता से जुड़े मामले में अपने केस के समर्थन में दस्तावेजों को भी लाना होगा। इस अवधि में अगर कोई विधायक उपस्थित नहीं होता है तो यह मान लिया जाएगा कि आपको किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है।

बाप पर उतरे राउत

उद्धव ठाकरे के साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संजय राउत ने बागी विधायकों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, “शिवसेना समझौता नहीं करेगी। कोई राजनीतिक स्वार्थ के लिए बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता। जो लोग छोड़कर गए हैं, वे अपने बाप के नाम पर वोट माँगें, शिवसेना के नाम पर नहीं।”

इसी क्रम में बागी विधायकों को असम में वीआईपी ट्रीट दिए जाने के विपक्ष के आरोपों पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “गुवाहाटी में 200 होटल हैं और सभी में मेहमान हैं। अब असम में बाढ़ है तो क्या ये बोलकर मैं लोगों को होटल से भेज दूँ? असम के लोग उनका बिल नहीं दे रहे हैं बल्कि उनसे पैसा ले रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि इसमें हमारा फायदा हो रहा है। महाराष्ट्र में भाजपा उनका (शिवसेना के बागी विधायक) समर्थन करे या नहीं करे इसका मुझसे क्या लेना-देना। मैं तो बस इतना ही कहना चाहता हूँ कि अगर असम में कोई मेहमान आया है तो उसे सुरक्षा और सहुलियत मिलनी चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया