फेसबुक ने बंद किया बीजेपी MLA टी राजा सिंह का अकाउंट, इंस्टाग्राम भी बैन; लगाया हेट स्पीच का आरोप

टी राजा सिंह (चित्र साभार: स्टेट्समैन)

फेसबुक ने भाजपा विधायक टी राजा सिंह का फेसबुक अकाउंट प्रतिबंधित कर दिया है। तेलंगाना के विधायक सिंह को इंस्टाग्राम पर भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। फेसबुक ने यह कार्रवाई ऐसे वक्त में की है जब उस पर भाजपा और दक्षिणपंथी विचारधारा समर्थकों के प्रति पक्षपातपूर्ण नीतियों का आरोप लग रहा है।

फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा है, “हमने राजा सिंह को हमारी उन नीतियों का उल्लंघन करने के लिए फेसबुक से प्रतिबंधित किया है, जो कि हिंसा को बढ़ावा देने या हिंसा भड़काने और हमारे मंच पर नफरत फ़ैलाने पर रोक लगाता है। संभावित उल्लंघनों का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया व्यापक है और इसी कारण हम उनके अकाउंट को प्रतिबंधित करने के फैसले पर पहुँचे हैं।”

ज्ञात हो कि इससे पहले भी भाजपा विधायक टी राजा सिंह के खिलाफ कथित तौर पर 7 बार हेट स्पीच के मामले सामने आ चुके हैं। मई 2017 में मुख्यमंत्री से ओल्ड सिटी में तलाशी अभियान चलाने का अनुरोध करते हुए टी राजा ने इस क्षेत्र को ‘मिनी पाकिस्तान’ बताया था। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया था कि वे वहाँ कई घरों से बम और अन्य विस्फोटक बनाने वाले लोगों को आसानी से पकड़ सकते हैं। पुलिस ने तब उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।

जुलाई 2017 में पश्चिम बंगाल के बदुरिया और बशीरहाट जिलों में तनाव के दौरान, टी राजा ने राज्य में हिंदू समुदाय से अपील की थी कि जिस तरह से 2002 में गुजरात में हिंदुओं ने सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों को जवाब दिया। उसी तरह से बंगाल में भी जवाब देना चाहिए क्योंकि राज्य में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं।

इसके अलावा टी राजा कई बार ऐसे बयान भी दे चुके हैं, जिनमें उन्होंने एंटी नेशनल्स को भारत छोड़कर पकिस्तान चले जाने की बात कही है। यह बयान भी हेट स्पीच के अंतर्गत बताए गए थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब ’15 मिनट में हिन्दुओं को सबक सिखाने’ की धमकी देने वाले अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे लोग सोशल मीडिया पर खुलेआम घूम सकते हैं तो फिर टी राजा को ही फेसबुक द्वारा निशाना क्यों बनाया गया?

भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने फेसबुक से राजा पर प्रतिबंध लगाने के मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि अभद्र भाषा का निर्धारण किसी जगह के नियमों और कानूनों को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “भारत में नफरत फैलाने वाले भाषण हमारे संवैधानिक ढाँचे और मौजूदा नियमों से तय होंगे। यह उनके राजनीतिक संबद्धता के बावजूद सभी के लिए उचित रूप से लागू किया जाना चाहिए। सोनिया गाँधी, जिनके विभाजनकारी भाषण को फेसबुक पर लाइव स्ट्रीम किया, जिसके कारण हाल ही में दिल्ली में व्यापक पैमाने पर दंगे और मौतें हुईं, यह भी उतना ही दोषी था जितना कि कोई और।” अमित मालवीय ने कहा कि हम दोहरे मानक नहीं रख सकते।

गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग को लिखे पत्र में कहा था कि फेसबुक को कुछ समूहों द्वारा ‘आंतरिक विभाजन और सामाजिक अस्थिरता’ बढ़ाने के लिए नवीनतम उपकरण की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया