किसानों ने जताया CM योगी का आभार, मिलेंगे प्रति हेक्टेयर ₹71 लाख; सालों से चल रहा आंदोलन खत्म

मिशन बंगाल पर योगी (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के मानबेला के किसानों का आंदोलन खत्म हो गया है। वे सालों से बढ़े मुआवजे की माँग को लेकर आंदोलनरत थे। जिला न्यायालय का इस मामले में फैसला आने के बाद उन्हें 71 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। किसानों ने इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार मानबेला में गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने 215 एकड़ की जमीन अधिग्रहित की थी। 2009 में निर्णय लिया गया था कि किसानों को 18 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से भुगतान किया जाएगा। तब राज्य में बसपा सुप्रीमो मायावती की सरकार थी। किसान इस मुआवजे की राशि से सहमत नहीं थे।

इसके बाद योगी आदित्यनाथ (तब गोरखपुर के सांसद) ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और तय हुआ कि किसानों को 28 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। लगभग 400 किसानों को 18 लाख रुपए की दर पर मुआवजा मिला, जबकि 100 किसानों ने 28 लाख रुपए की दर से हासिल किया। लेकिन, किसानों ने मुआवजे की राशि बढ़ाने को लेकर अपनी लड़ाई जारी रखी।

इसके कारण प्राधिकरण इन भूमि पर कोई विकास कार्य भी शुरू नहीं कर सका था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुआवजे की राशि बढ़ा कर 71 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर तय की, लेकिन तकनीकी कारणों से इस पर अमल नहीं हो पाया था। इसके बाद 70 किसानों ने न्यायालय की शरण ली। अब न्यायालय ने आदेश दिया है कि किसानों को ब्याज सहित पूरी राशि भुगतान की आए।

जिन भी किसानों ने न्यायालय में याचिका दायर की थी, उनके मुआवजे की रकम न्यायालय में प्रशासन को जमा करानी पड़ेगी और मुआवजा सभी किसानों को मिलेगा। जो किसान याचिकाकर्ता नहीं थे, उन्हें इस आदेश की प्रति के साथ भू- अधिग्रहण की धारा 28 ए के तहत भूमि अध्याप्ति अधिकारी के यहाँ बढ़े मुआवजे के लिए आवेदन देने के लिए कहा गया है। उसके आधार पर उन्हें भुगतान जारी कर दिया जाएगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ 2017 में मुख्यमंत्री का पद सँभालते ही इस मामले में निदान के लिए एक कमिटी का गठन किया था और मुआवजे की मौजूदा दर इस कमिटी ने सुझाई थी। मानबेला किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बरकत अली ने कहा कि योगी शुरू से ही किसानों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। इन किसानों में कई निषाद और मुस्लिम समाज के हैं। अब GDA की बोर्ड की बैठक में इस सम्बन्ध में कानूनी सलाह लेकर आगे की कार्यवाही होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया