‘किसान चाहते हैं हर साल सूखा पड़े, ताकि उनका लोन माफ हो’: कर्नाटक के कॉन्ग्रेसी मंत्री का विवादित बयान, BJP ने माँगा इस्तीफा

मंत्री शिवानंद पाटिल (बाएँ) और CM सिद्दारमैया (दाएँ) (चित्र साभार: TOI & @BYVijayendra/X)

कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री शिवानंद पाटिल ने एक विवादित बयान दिया है। पाटिल का कहना है किसान हर साल सूखा पड़ते देखना चाहते हैं ताकि उनका कर्ज माफ़ हो जाए। वह इससे पहले भी किसानों की आत्महत्या पर विवादित बयान दे चुके हैं।

शिवानंद पाटिल ने कर्नाटक के बेलगावी में एक कार्यक्रम में कहा, “कृष्णा नदी का पानी मुफ्त है, अब बिजली भी मुफ्त और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मुफ्त बीज और कीटनाशक भी दे दिए। किसान चाहेंगे कि बार-बार सूखा पड़े ताकि उनका लोन माफ़ हो जाए। आप लोगों को यह इच्छा नहीं रखनी चाहिए। आप लोग नहीं भी चाहोगे तो हर 3-4 साल में सूखा पड़ेगा।”

शिवानंद पाटिल कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार में मंडी विकास, गन्ना और कपड़ा मंत्री हैं। शिवानंद पाटिल के इस विवादित बयान का विरोध चालू हो गया है। कर्नाटक में विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से शिवानंद पाटिल का इस्तीफ़ा लेना चाहिए।

भाजपा ने कहा है कि कॉन्ग्रेस कर्नाटक के किसानों का मजाक उड़ा रही है। गौरतलब है कि कर्नाटक में इस बार सूखा पड़ रहा है और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने इसको लेकर कर्जों में कुछ राहत का ऐलान भी किया है। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष BY विजयेन्द्र ने कहा है कि कॉन्ग्रेस ने किसानों को गाली देने की संस्कृति और किसानों का जीवन खराब करने की नीति अपना ली है। यह जिम्मेदारी शिवानंद पाटिल को दी गई है।” उन्होंने शिवानंद पाटिल से तुरंत माफ़ी माँगने को कहा है।

शिवानंद पाटिल ने सितम्बर 2023 में भी किसानों पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि किसान मुआवजे का पैसा लेने के लिए आत्महत्या कर लेते हैं। उन्होंने कहा था कि यह तबसे बढ़ा है जबसे सरकार ने मुआवजे की धनराशि बढ़ाई है।

उन्होंने संवेदनहीनता दिखाते हुए कहा था कि जिन किसानों की मौत प्रेम प्रसंगों, हृदय गति रुकने या फिर शराब पीने से हो रही है उनको भी किसान आत्महत्याओं में दिखाया जा रहा है ताकि मुआवजा पाया जा सके। उन्होंने कहा था कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उनके लालची रिश्तेदार मुआवजे की धनराशि पाना चाहते हैं। यह मानव प्रकृति है कि गलत कारणों को दिखा कर मुआवजा लिया जाए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया