अमित शाह की फर्जी वीडियो शेयर करने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने की FIR, कॉन्ग्रेसी फैला रहे थे ‘आरक्षण खत्म’ होने पर झूठ

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (साभार: Mid Day)

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की एडिटिड वीडियो गलत जानकारी के साथ वायरल करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस संबंध में पुलिस को दो शिकायतें मिलीं थीं- एक बीजेपी की ओर से और एक गृह मंत्रालय की ओर से। दोनों शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए साइबर विंग की IFSO यूनिट ने मामला दर्ज किया, साथ ही पुलिस ने फेसबुक और एक्स से जानकारी माँगी कि इस वीडियो को किस अकॉउंट से पोस्ट किया गया था।

बता दें कि अमित शाह की वायरल वीडियो में दिखाया जा रहा था कि उन्होंने एक रैली में एससी/एसटी या ओबीसी के लिए आरक्षण खत्म करने की बात कही है… जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं कहा गया था।

भाजपा ने इसी वीडियो के खिलाफ शिकायत देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण खत्म करने की कोई बात गृहमंत्री ने नहीं कही है, जो बातें वायरल वीडियो में कही जा रही हैं वो बिलकुल फर्जी हैं। गृह मंत्री ने असल में कहा था कि सरकार बनते ही बीजेपी मुस्लिम समुदाय को दिए जा रहे असंवैधानिक आरक्षण को हटा देगी। लेकिन, इन बातों को गलत तरह से प्रसारित किया गया।

गौरतलब है कि इस वायरल वीडियो को तेलंगाना कॉन्ग्रेस और झारखंड कॉन्ग्रे ने भी अपने अकॉउंटों से साझा किया था। इसकी जानकारी भाजपा नेता अमित मालवीय ने देते हुए कानूनी कार्रवाई की बात कही थी। उन्होंने कहा था, “कॉन्ग्रेस एक एडिटेड वीडियो वायरल कर रही है, जो पूरी तरह से फर्जी है। इससे बड़े पैमाने पर हिंसा होने की आशंका है। गृहमंत्री अमित शाह ने मुसलमानों को दिए गए असंवैधानिक आरक्षण को हटाने की बात कही है। एससी/एसटी और ओबीसी की हिस्सेदारी कम करने के बाद यह फर्जी वीडियो कई कॉन्ग्रेस नेताओं द्वारा शेयर किया गया है, अब वह कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।”

इस वीडियो के वायरल होने के बाद ही खबर आई कि भाजपा और गृह मंत्रालय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 153/153ए/465/469/171G/ और आईटी एक्ट की धारा 66सी के तहत केस को दर्ज किया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया