6.6 लाख लोगों के लिए 21000 कैम्प, 23 लाख को खिलाया जा रहा खाना: कोरोना पर स्वास्थ्य व गृह मंत्रालय के आँकड़े

कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य व गृह मंत्रालय ने दी अहम जानकारी (प्रतीकात्मक चित्र)

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस को लेकर अब तक के अपडेट्स और सूचनाओं के साथ-साथ सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों से जनता को अवगत कराया है। मंत्रालय ने बताया है कि पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 227 नए मामले सामने आए हैं। देश में लॉजिस्टिक्स आइटम्स की कमी न हो इसके लिए दक्षिण कोरिया, टर्की और वियतनाम से सप्लाई ली जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के जनरल सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि डीआरडीओ स्थानीय उत्पादन कंपनियों के साथ मिल कर एन-95 मास्क की सप्लाई बढ़ाने के लिए लगातार कार्य कर रहा है।

इधर दिल्ली सरकार ने ‘एपिडेमिक डिजीज एक्ट’ के तहत सभी डीएम, म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और पुलिस को कहा है कि जहाँ भी डॉक्टरों अथवा नर्सों को उनके मकान-मालिकों द्वारा घर खाली करने के लिए दबाव बनाया जा रहा हो, वहाँ कार्रवाई की जाए। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर एक जिले में तलाशी अभियान चला कर उन लोगों को खोजा जाए, जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज़ इमारत में हुए मजहबी कार्यक्रम में हिस्सा लिया हो। संभावना है कि उनमें से कुछ लोग यूपी में हो सकते हैं, जो कोरोना के करियर भी हो सकते हैं।

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अब तक 42,788 सैम्पलों की टेस्टिंग की जा चुकी है। इनमें से 4346 सैम्पलों की टेस्टिंग तो 1 दिन पहले ही की गई है। आईसीएमआर ने बताया कि ये उनकी 36% क्षमता को दर्शाता है। अब तक 133 लैब्स सक्रिय हो गए हैं। साथ ही 49 प्राइवेट लैब्स को भी अनुमति दे दी गई है। सोमवार (मार्च 29, 2020) को 399 लोगों की टेस्टिंग उन प्राइवेट लैब्स में ही की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने निजामुद्दीन क्षेत्र में कई कोरोना मरीजों के मस्जिद में छिपे मिलने वाली घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये फाल्ट-फाइंडिंग का समय नहीं है बल्कि जल्द से जल्द एक्शन लेने का वक़्त है।

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इधर गृह मंत्रालय ने भी जानकारी दी है कि देश भर में अब तक 21,064 कैम्पस स्थापित किए जा चुके हैं। इनमें अलग-अलग प्रदेशों में मजदूरों और बेघर लोगों को आसरा दिया जा रहा है। फ़िलहाल इन कैम्पों में 6.6 लाख लोग रह रहे हैं और 23 लाख लोगों के लिए खाने का इंतजाम किया जा रहा है। ये वो लोग हैं, जो गरीब हैं, भूख की समस्या से जूझ रहे हैं, दूसरे प्रदेशों से आए हैं या फिर कई ऐसे भी हैं जो अपने गृह राज्य में पहुँचने के बाद क्वारंटाइन किए गए हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया