कोरोना वायरस को लेकर केंद्र और बंगाल सरकार में फिर से ठन गई, केंद्रीय टीम को नहीं करने दिया जा रहा काम

गृह मंत्रालय: पश्चिम बंगाल सरकार नही कर रही सहयोग

एक तरफ तो पूरा देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है दूसरी ओर ऐसे समय में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अपनी पहचान के अनुरूप केन्द्र सरकार की नीतियों को विरोध करने से बाज नहीं आ रही हैं। इस बार कोरोना वायरस को लेकर केंद्र और बंगाल सरकार में फिर से ठन गई है। गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि राज्य में पहुँची इंटर-मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीमों (ICMTs) के साथ बंगाल प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है।

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केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिखकर कहा कि मंत्रालय के ध्यान में लाया गया है कि कोलकाता और जलपाईगुड़ी में इंटर-मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीमों के लिए राज्य और स्थानीय प्रशासन की ओर से जरूरी सहयोग नहीं किया गया। इन टीमों को क्षेत्रों का दौरा करने, स्वास्थ्यकर्मियों से मिलने और जमीनी स्तर को जानने से रोका गया।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में 3 मई तक जारी लॉकडाउन के कार्यान्वयन और कुछ क्षेत्रों में इसके उल्लंघन की खबरों के साथ कोविड 19 की स्थिति का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान और पश्चिम बंगाल में इंटर-मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल की टीमें भेजी गई हैं, वहीं केन्द्र सरकार को दूसरे राज्यों में तो सहयोग मिल रहा है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से इन टीमों को विभिन्‍न लोकेशन पर जाने और जमीनी स्थिति का आकलन करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

दरअसल, इन टीमों के कार्यक्षेत्र में हॉटस्पॉट्स, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर, आपदा प्रबंधन, राज्यों की सहायता, लॉकडाउन के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, हेल्थवर्कर्स की सुरक्षा और शेल्टर्स की स्थिति जैसे मुद्दों को देखना बताया गया।

इसके बाद मंगलवार को गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय दलों को पश्चिम बंगाल में कार्य नहीं करने दिया जा रहा है। खबर के मुताबिक गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक और पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि राज्‍य सरकार केंद्रीय दलों को कोलकाता की विभिन्‍न लोकेशंस पर जाकर काम करने की अनुमति दे। पत्र में कहा गया कि यह केंद्र सरकार के डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 का उल्लंघन है और साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करने जैसा है।

इससे पहले सोमवार को मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर इसे एकपक्षीय बताया था और राज्य में दल भेजने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस तरह का कदम एकपक्षीय और अनपेक्षित है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आकलन के लिए टीम द्वारा अपनाए जाने वाले वे आधार साझा करने को कहा था, जिनके बिना उनकी सरकार आगे कोई कदम नहीं उठा पाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया