राफेल पर IAF के बयान को विपक्ष ने बताया था राजनैतिक, लेकिन आज हम सही साबित हुए: पूर्व एयर मार्शल

पूर्व एयर मार्शल बीएस धनोआ (फाइल फोटो)

राफेल मामले में सभी पुनर्विचार याचिकाओं को आज (नवंबर 14, 2019) सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि राफेल विमान सौदा मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की या बेवजह जाँच के आदेश देने की जरूरत है।

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इस फैसले के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आई है। पूर्व एयर मार्शल बीएस धनोआ ने कहा, “दिसंबर 2018 में जब हमने कहा था कि कोर्ट ने सही फैसला सुनाया है तो हमें कहा गया था कि ये राजनीति से प्रेरित बयान है।” उनके मुताबिक उस दौरान उनके बयान को राजनीति से जोड़ने वाले बिलकुल गलत थे, क्योंकि वह सिर्फ़ इसका बचाव कर रहे थे।

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मीडिया से बातचीत में रिटायर्ड एयर मार्शल धनोआ ने कहा कि अब जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है तो साबित हो गया है कि वे सही थे। उन्होंने कहा,” मुझे उम्मीद है कि अब ये मामला खत्म हो जाएगा। राजनीतिक लाभ पाने के लिए ऐसे मुद्दों को उठाना और अपने सशस्त्र बलों के हित को पीछे रखना, मुझे लगता है कि यह सही नहीं है।” इस दौरान बीएस धनोआ ने राफेल को एक शानदार विमान भी बताया।

रक्षा से जुड़े मसलों पर न हो राजनीति: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह सरकार के रुख का समर्थन करती है। उन्होंने, “हमारी सरकार के निर्णय लेने की पारदर्शिता को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। मुझे लगता है कि रक्षा तैयारियों से संबंधित मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए।”

रक्षा मंत्री ने कहा, “लोग अपने निजी फायदे के लिए ऐसा (मामलों का राजनीतिकरण) करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश की। मैं कहना चाहूँगा कि यह विशेष रूप से कॉन्ग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा किया गया था।”

उल्लेखनीय है कि राफेल मामले पर काफी लंबे समय से सवाल उठाए जा रहे थे। संसद से लेकर चुनाव प्रचार तक में विपक्ष द्वारा मोदी सरकार को घेरा जा रहा था। बार-बार यह आरोप लगाया जा रहा था कि अनिल अंबानी को फायदा पहुँचाने के लिए द सॉल्ट एविएशन का ऑफसेट ठेका दिलाया गया। केंद्र सरकार शुरू से अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों को नकारती रही है। 2018 के अंत में सर्वोच्च न्यायलय ने भी इस मामले में सरकार को क्लीनचिट दे दी थी, जिसके बाद पुनर्विचार याचिकाएँ दायर की गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया