कॉन्ग्रेस के पुराने और नए नेताओं के बीच गुरुवार को एक असहमति की खाईं दिखाई दी। दरअसल, हुआ यूँ कि कॉन्ग्रेस की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने के लिए जिस ट्रेनिंग दल का गठन किया जा रहा है, उसका नाम पहले प्रेरक सुझाया गया था। लेकिन नेताओं की बैठक में कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल ने इस पर सवाल खड़े कर दिए और कहने लगे कि प्रेरक शब्द आरएसएस के प्रचारक शब्द जैसा लगता है। जिसके बाद सोनिया गाँधी ने इसे खारिज कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राहुल गाँधी के करीबी सचिन राव ने गुरुवार को पार्टी के कार्यकर्ता एवं नेताओं को प्रशिक्षण दिए जाने वाले विशेष दल के नामकरण का जिक्र किया और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी की उपस्थिति में चल रही बैठक में ही उन्हें ‘प्रेरक’ शब्द से संबोधित करने की बात कही।
अपने सुझाव के साथ उन्होंने पार्टी की सदस्यता कैंपेन और विचारधारा के विस्तार के संपूर्ण खाके को समझाने का प्रयास किया। लेकिन तभी अहमद पटेल ने इस शब्द पर आपत्ति जाहिर कर दी। उनके बाद पंजाब कॉन्ग्रेस कमेटी के प्रमुख सुनील जाखड़ ने भी समान विचार रखे और फिर सोनिया गाँधी ने भी मान लिया कि ये शब्द आरएसएस के प्रचारक जैसा लगा रहा है। इसलिए इस प्रोग्राम के आइडिया को बरकरार रखा जाएगा, लेकिन शब्द को ड्रॉप कर दिया जाएगा।
https://twitter.com/the_hindu/status/1172195700366557185?ref_src=twsrc%5Etfwउल्लेखनीय है कि कल (सितंबर 12, 2019) खबर आई थी कि आम जनता की नजरों में कॉन्ग्रेस पार्टी की गिरती हुई छवि को सुधारने के लिए पार्टी ने अब अपनी कार्यप्रणाली और विचारधारा के प्रचार के लिए ‘प्रेरक’ रखने का निर्णय लिया है। ये प्रेरक कॉन्ग्रेस के खिलाफ चल रही नकारात्मक ख़बरों के खिलाफ जमीनी स्तर पर पार्टी हित में काम करेंगे।
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